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Bihar/Jharkhand News : सासाराम में ह्यूमन ट्रैफिकिंग के मामले में झारखंड के 8 बाल मजदूर मुक्त, दो तस्कर गिरफ्तार

‘ऑपरेशन आहट’ के तहत झारखंड के पलामू जिले के 8 बच्चों को तस्करों के चंगुल से सुरक्षित मुक्त कराया है। ऑपरेशन आहट देश भर में मानव तस्करी के विरुद्ध चलाया जा रहा एक समर्पित अभियान है।

by Rakesh Pandey
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सासाराम: बिहार के सासाराम रेलवे स्टेशन पर रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (RPF) और बचपन बचाओ आंदोलन की संयुक्त टीम ने ह्यूमन ट्रैफिकिंग के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए झारखंड के 8 नाबालिग बाल मजदूरों को मुक्त कराया है। यह कार्रवाई ‘ऑपरेशन आहट’ के तहत की गई, जो देश भर में मानव तस्करी के विरुद्ध चलाया जा रहा एक समर्पित अभियान है।

पलामू के मासूम, नासिक ले जाए जा रहे थे मजदूरी के लिए

आरपीएफ निरीक्षक संजीव कुमार के नेतृत्व में यह छापेमारी सासाराम रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 2 पर की गई। टीम ने मुंबई मेल (12321 अप) से 8 बच्चों को तस्करों से मुक्त कराया, जो झारखंड के पलामू जिले के रहने वाले हैं। बच्चों की उम्र 9 से 13 वर्ष के बीच है और इन्हें महाराष्ट्र के नासिक में स्थित एक चूड़ी फैक्ट्री में बाल श्रमिक के रूप में काम कराने के लिए ले जाया जा रहा था।

दो मानव तस्कर गिरफ्तार, किया बड़ा खुलासा

कार्रवाई के दौरान गया जिले के निवासी दो तस्कर सोनू कुमार और महादेव यादव को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में उन्होंने बताया कि बच्चों को प्रति माह 10,000 का लालच देकर ले जाया जा रहा था। उन्हें चूड़ी बनाने के अलावा प्लास्टिक डिस्पोजल गिलास निर्माण जैसे जोखिमपूर्ण कार्यों में लगाया जाना था। बच्चों को आर्थिक प्रलोभन देकर मानव तस्करी के जाल में फंसाया गया था।

बाल कल्याण समिति को सौंपे गए सभी बच्चे

आरपीएफ निरीक्षक संजीव कुमार ने बताया कि मुक्त कराए गए सभी बच्चों को चाइल्ड हेल्पलाइन को सौंपा गया है। अब उन्हें बाल कल्याण समिति, सासाराम के समक्ष प्रस्तुत किया गया है और उनके परिजनों से संपर्क कर उन्हें घर वापस भेजने की प्रक्रिया जारी है।

आरपीएफ अधिकारी बोले: “हम तस्करी के खिलाफ प्रतिबद्ध हैं”

“ऑपरेशन आहट के तहत हमने झारखंड के पलामू जिले के 8 बच्चों को तस्करों के चंगुल से सुरक्षित मुक्त कराया है। ये बच्चे बाल मजदूरी के लिए नासिक ले जाए जा रहे थे। हमारी टीम इस तरह की तस्करी रोकने के लिए सतत प्रयासरत है।”- संजीव कुमार, आरपीएफ निरीक्षक, सासाराम

लगातार सामने आ रहे मानव तस्करी के मामले

यह कोई पहला मामला नहीं है जब सासाराम या डेहरी रेलवे स्टेशन से बाल मजदूरों की तस्करी की कोशिश की गई हो। रेलवे पुलिस और सामाजिक संगठनों द्वारा लगातार अभियान चलाए जा रहे हैं, लेकिन ह्यूमन ट्रैफिकिंग के नेटवर्क अभी भी सक्रिय हैं। यह मामला बाल सुरक्षा और मानवाधिकारों की गंभीर स्थिति की ओर इशारा करता है।

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