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Ara News : ‘मैं अपनी मर्जी से…’, ITBP जवान का शव पेड़ से लटका मिला

by Rakesh Pandey
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आरा : बिहार के आरा जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र स्थित गंगहर गांव में रविवार की शाम को एक चौंकाने वाली घटना सामने आई। यहां के बधार इलाके में एक बबूल के पेड़ से 25 वर्षीय आईटीबीपी (Indo-Tibetan Border Police) के जवान गौतम कुमार का शव लटका हुआ पाया गया। इस घटना ने गांव में सनसनी मचा दी। मृतक के शव के पास एक सुसाइड नोट भी मिला, जिसमें उसने अपनी आत्महत्या को अपनी मर्जी से करने की बात लिखी थी। हालांकि, गौतम के परिवार का कहना है कि उनके बेटे को मानसिक दबाव और आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा था और वह किसी ब्लैकमेलिंग का शिकार हो सकता था, जिसके चलते उसने यह कदम उठाया।

गायब होने के बाद मिला शव

गौतम कुमार जो मूल रूप से गंगहर गांव का निवासी था, आईटीबीपी के ट्रेनिंग सेंटर में तैनात था। वह कर्नाटक के बेलगाम में अपनी ड्यूटी पर था और 13 नवंबर से लापता था। आईटीबीपी के अधिकारियों ने स्थानीय पुलिस को गौतम के लापता होने की सूचना दी थी।

17 नवंबर को जब गांव की महिलाएं शौच के लिए बधार की ओर जा रही थीं, तब उन्होंने बबूल के पेड़ से एक शव लटका देखा। यह शव गौतम कुमार का था। शव मिलने के बाद गांव में हड़कंप मच गया। मृतक के परिजनों को सूचित किया गया और पुलिस मौके पर पहुंची। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया और पुलिस ने मामले की जांच शुरू की।

सुसाइड नोट और परिवार की चिंता

गौतम के शव के पास एक सुसाइड नोट मिला था, जिसमें उसने लिखा था कि मैं गौतम कुमार, अपनी मर्जी से आत्महत्या करने जा रहा हूं। किसी भी प्रकार का दबाव मुझ पर नहीं है। इसके साथ ही, उसने अपने परिवार से यह अनुरोध किया था कि पुलिस उनसे कोई सवाल न पूछे और उन्हें परेशान न किया जाए। नोट में उसने अपने मां-बाप और भाई से कहा कि वे अपना ध्यान रखें, और कोई भी उन्हें तंग न करे।

पुलिस की जांच

पुलिस ने इस मामले की गंभीरता से जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने गौतम के मोबाइल फोन की कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) का विश्लेषण करना शुरू कर दिया है, ताकि यह पता चल सके कि वह किससे संपर्क कर रहा था और क्या किसी बाहरी दबाव या ब्लैकमेलिंग का शिकार था। सुसाइड नोट को जांच के लिए जब्त कर लिया गया है और इस मामले में वैज्ञानिक और तकनीकी जांच भी की जा रही है।

गौतम के परिवार को आशंका है कि उसका बेटा आत्महत्या करने के बजाय किसी के द्वारा मानसिक उत्पीड़न का शिकार हो रहा था, जिसके चलते वह इस हद तक पहुंचा। पुलिस इस मामले की हर पहलू से जांच कर रही है ताकि सही कारणों का पता चल सके।

मानसिक स्वास्थ्य और सुरक्षा बलों की चुनौती

यह घटना सुरक्षा बलों में काम कर रहे जवानों की मानसिक स्थिति और मानसिक स्वास्थ्य पर विचार करने का एक अवसर प्रदान करती है। सुरक्षा बलों में तैनात जवान अक्सर मानसिक और शारीरिक दबाव का सामना करते हैं, और कई बार वे इन दबावों को परिवार या अधिकारियों से छिपाते हैं। इस मामले में, यह देखना महत्वपूर्ण है कि क्या गौतम की आत्महत्या एक व्यक्तिगत मानसिक समस्या का परिणाम थी, या फिर उसके पीछे किसी अन्य कारण का हाथ था।

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