नई दिल्ली: इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय (आईजीआई) हवाई अड्डा अब वैश्विक विमानन हब बनने की दिशा में तेजी से अग्रसर है। दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) ने टर्मिनल-3 (टी-3) पर नई बैगेज चेक-इन सुविधा की शुरुआत की है। साथ ही रनवे 10 पर अत्याधुनिक कैट-3 तकनीक जल्द लागू की जाएगी, जिससे सर्दियों में कोहरे के कारण उड़ानों में देरी और रद्द होने की समस्या में 60 प्रतिशत तक कमी आएगी।
डायल के सीईओ विदेह कुमार जयपुरयार ने बताया कि अगले पांच वर्षों में एयरपोर्ट पर 9,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। इस निवेश के तहत टर्मिनल-1 का विस्तार और आधुनिकीकरण किया जाएगा, जिससे इसकी क्षमता 40 मिलियन यात्रियों प्रतिवर्ष हो जाएगी। पूरे हवाई अड्डे की कुल यात्री क्षमता 100 मिलियन से अधिक तक पहुंचने की उम्मीद है।
तकनीकी उन्नयन और नई सुविधाएं
टी-3 पर बायोमेट्रिक चेक-इन, स्वचालित सामान प्रबंधन प्रणाली और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित यात्री ट्रैकिंग जैसी अत्याधुनिक तकनीकों की शुरुआत की जा रही है। इसके अलावा, टर्मिनल पर प्रीमियम लाउंज, थीम आधारित शॉपिंग जोन और भारतीय संस्कृति को दर्शाने वाले विशेष क्षेत्र भी विकसित किए जाएंगे।
नई बैगेज सुविधा का ट्रायल शुरू
अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की सुविधा के लिए टी-3 पर ट्रायल बैगेज सुविधा शुरू की गई है। इसके अंतर्गत यात्री टी-3 पर ही अपना सामान चेक-इन कर सकेंगे, जिसे मुफ्त शटल सेवा के जरिए टी-1 तक पहुंचाया जाएगा। यह सुविधा अभी चुनिंदा उड़ानों के लिए उपलब्ध है, लेकिन अगले छह महीनों में इसे सभी प्रमुख घरेलू उड़ानों तक विस्तारित किया जाएगा।
सुरक्षा और पर्यावरणीय पहल
सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए टी-3 पर स्मार्ट पुलिस बूथ भी शुरू किए गए हैं। वहीं, पर्यावरण संरक्षण की दिशा में डायल ने 2030 तक नेट-जीरो कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस दिशा में सौर ऊर्जा से 50 प्रतिशत बिजली आपूर्ति, इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग और वर्षा जल संचयन जैसी पहलें की जा रही हैं। हाल ही में एयरपोर्ट पर 40,000 इनडोर पौधे और 400,000 वर्ग फीट की नर्सरी विकसित की गई है, जो इसे हरित और पर्यावरण-अनुकूल बनाने में मदद करेगी।
माल ढुलाई और कनेक्टिविटी पर जोर
डायल माल ढुलाई क्षमता को दोगुना करने और छोटे शहरों से क्षेत्रीय कनेक्टिविटी बढ़ाने की योजना पर भी काम कर रहा है। इसके साथ ही 20 नई अंतरराष्ट्रीय एयरलाइंस के साथ साझेदारी की तैयारी की जा रही है, जिससे आईजीआई एयरपोर्ट को एक प्रमुख वैश्विक विमानन केंद्र के रूप में स्थापित किया जा सके।

