नई दिल्ली: भारत में लगातार आतंकवादी गतिविधियों को पोषित पल्लवित करने वाले आतंकिस्तान को आईएमएफ(IMF) ने फिर फंडिंग करने का निर्णय लिया है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने पाकिस्तान को बड़ा आर्थिक सहारा देते हुए शुक्रवार को 1 अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज की मंजूरी दे दी है। यह सहायता मौजूदा *विस्तारित निधि सुविधा (Extended Fund Facility – EFF)* कार्यक्रम के तहत तत्काल जारी की जाएगी।
भारत ने जताया कड़ा विरोध, कहा- आतंकवाद को मिल सकती है ताकत
IMF की इस घोषणा पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। भारत का कहना है कि पाकिस्तान को दी जाने वाली यह धनराशि सीमा पार आतंकवाद को वित्तीय सहायता देने में इस्तेमाल हो सकती है। भारत ने IMF बोर्ड की अहम बैठक में भाग नहीं लिया और मतदान से दूरी बनाई।
वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “हमारा मानना है कि पाकिस्तान का रिकॉर्ड चिंताजनक रहा है। ऐसे देश को बार-बार आर्थिक सहायता देना वैश्विक संस्थानों की साख और विश्व मूल्यों के खिलाफ है।”
लचीलेपन और स्थिरता ऋण पर भी विचार
बैठक में पाकिस्तान के लिए लचीलेपन और स्थिरता सुविधा (Resilience and Sustainability Facility – RSF) के तहत 1.3 अरब डॉलर के एक अन्य ऋण प्रस्ताव पर भी विचार किया गया। भारत ने चेतावनी दी कि बार-बार ऐसे कदमों से आतंकवाद को प्रोत्साहन मिल सकता है, जिससे वैश्विक शांति और सुरक्षा को खतरा उत्पन्न होगा।
भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि वह ऐसे फैसलों पर पुनर्विचार करे जो राज्य प्रायोजित आतंकवाद को अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन दे सकते हैं। उनकी मदद ना की जाए। इसके बावजूद आईएमएफ नेपाकिस्तान के पक्ष में फैसला लिया है। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि भारत और पाकिस्तान में जारी टकराव के बीच आईएमएफ पहली किस्त के रूप में पाकिस्तान को करीब 8500 करोड रुपए देने जा रहा है।