सेंट्रल डेस्क: भारत ने 15 अगस्त 1947 को लंबे और कठिन संघर्ष के बाद ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन से आज़ादी हासिल की। स्वतंत्रता दिवस का दिन उन वीर स्वतंत्रता शहादियों और आमजन के साहस, त्याग और एकता की याद दिलाता है, जिन्होंने एकजुट होकर अंग्रेजों से भारत की स्वतंत्रता वापस ली।
भारत की आज़ादी का इतिहास
ब्रिटिश साम्राज्य ने 150 वर्षों तक भारत पर शासन किया, जिसकी शुरुआत 1619 में गुजरात के सूरत में स्थापित ईस्ट इंडिया कंपनी से हुई। 1757 में प्लासी के युद्ध में विजय के बाद ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत पर नियंत्रण जमा लिया।
महात्मा गांधी, भगत सिंह, सरदार वल्लभभाई पटेल, जवाहरलाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस, चंद्रशेखर आज़ाद और अनेक स्वतंत्रता सेनानियों ने आज़ादी के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर किया। 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के बाद अंग्रेज़ों के लिए भारत में रहना असंभव हो गया और अंततः 1947 में उन्हें देश छोड़ना पड़ा।
स्वतंत्रता दिवस का महत्व
1947 में ब्रिटिश संसद में Indian Independence Bill पेश किया गया, जिसके पारित होने के बाद भारत में ब्रिटिश शासन का अंत हुआ और पाकिस्तान का गठन हुआ।
15 अगस्त 1947 को प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने लाल किले की प्राचीर से तिरंगा फहराया और ऐतिहासिक ‘Tryst with Destiny’ भाषण दिया। तब से हर वर्ष यह परंपरा जारी है, जहां देश के प्रधानमंत्री लाल किले से ध्वजारोहण करने के बाद राष्ट्र को संबोधित करते हैं।
स्वतंत्रता दिवस के जश्न
स्वतंत्रता दिवस पर पूरे देश में सांस्कृतिक कार्यक्रम, सामाजिक सेवा गतिविधियां और राष्ट्रीय स्मारकों की रोशनी से सजावट की जाती है। विद्यालय, महाविद्यालय और संस्थाएं स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि देने के लिए कार्यक्रम और संगोष्ठियों का आयोजन करती हैं।
2025 में 78वां या 79वां स्वतंत्रता दिवस?
इस पर बहस दो विचारों पर आधारित है- क्या गिनती 15 अगस्त 1947 से शुरू हो या 1948 से। यदि 1947 से गिनें, तो 2025 में भारत आज़ादी की 79वीं वर्षगांठ मना रहा है, जबकि 1948 से गिनने पर यह 78वां स्वतंत्रता दिवस होगा।
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