रामगढ़ : झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने संतोषजनक प्रदर्शन किया, लेकिन रामगढ़ जिले की दो प्रमुख विधानसभा सीटों, बड़कागांव और मांडू, पर गठबंधन उम्मीदवारों की हार ने पार्टी को चिंतन के लिए मजबूर कर दिया है। गुरुवार को झामुमो जिला कार्यालय में जिला अध्यक्ष विनोद किस्कू की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक आयोजित की गई।
चुनाव में हार पर मंथन व रणनीति पर चर्चा
बैठक के दौरान बड़कागांव और मांडू सीट पर हुई हार के कारणों का विश्लेषण किया गया। जिला अध्यक्ष ने कहा कि इन सीटों पर गठबंधन के कमजोर प्रदर्शन के पीछे संगठन की जमीनी ताकत की कमी एक प्रमुख कारण है। उन्होंने पंचायत और बूथ स्तर पर संगठन को मजबूत बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
सदस्यता अभियान में तेजी की तैयारी
बैठक में निर्णय लिया गया कि जल्द ही व्यापक स्तर पर सदस्यता अभियान चलाया जाएगा। अभियान का लक्ष्य अधिक से अधिक लोगों को पार्टी से जोड़ना है। जिला अध्यक्ष ने सभी आनुषंगिक इकाइयों को निर्देश दिया कि वे मिलकर सदस्यता बढ़ाने के काम को ऐतिहासिक बनाएं।
इंडी गठबंधन की योजनाओं का प्रचार-प्रसार
जिला अध्यक्ष ने कहा कि इंडी गठबंधन सरकार की योजनाओं को जिले के हर व्यक्ति तक पहुंचाना पार्टी का मुख्य उद्देश्य है। इसके लिए झामुमो के कार्यकर्ता हर गांव, टोला और मोहल्ले का दौरा करेंगे। उन्होंने पार्टी के सभी सदस्यों से आग्रह किया कि वे जनता के साथ सीधा संवाद स्थापित करें और सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने में मदद करें।
भविष्य की रणनीति
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि पंचायत और बूथ स्तर की कमेटियों को मजबूत कर आगामी चुनावों की तैयारी अभी से शुरू की जाएगी। संगठन को मजबूत करने और जमीनी कार्यकर्ताओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए समय-समय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
जमीनी स्तर पर सक्रियता जरूरी
बैठक के अंत में विनोद किस्कू ने कहा, “हार हमें संगठन की कमजोरियों को समझने का मौका देती है। अब हमारा लक्ष्य हर स्तर पर संगठन को मजबूत करना और आगामी चुनावों में जीत सुनिश्चित करना है।”