मुंबई स्पेशल। Mumbai Trans Harbour Link: India longest sea bridge: मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक (एमटीएचएल), जो भारत का सबसे लंबा समुद्री पुल है, आखिरकार बनकर तैयार हो गया है। यह पुल मुंबई के सेवरी को नवी मुंबई के चिरले से जोड़ता है। पुल की कुल लंबाई 22 किलोमीटर है, जिसमें समुद्र के ऊपर 16.5 किलोमीटर और जमीन पर 5.5 किलोमीटर है।
India longest sea bridge : 2018 में शुरू हुआ था पुल का निर्माण
पुल का निर्माण (India longest sea bridge)2018 में शुरू हुआ था और इसे 2023 में पूरा होने की उम्मीद थी, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण इसमें देरी हुई। पुल का निर्माण ₹20,000 करोड़ की लागत से किया गया है। इस पुल की एक सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसके नीचे से दुनिया का सबसे बड़ा मालवाहक जहाज आसानी से निकल सकता है। इस पुल का पूरा नाम अटल बिहारी वाजपेई शिवडी न्हावाशेवा अटल सेतु रखा गया है।
कम हो जाएगी मुंबई और नवी मुंबई के बीच की दूरी
पुल (India longest sea bridge) के बनने से मुंबई और नवी मुंबई के बीच की दूरी कम हो जाएगी। पहले, मुंबई से नवी मुंबई की यात्रा सड़क मार्ग से लगभग 2 घंटे में होती थी, लेकिन अब यह यात्रा केवल 20 मिनट में पूरी हो सकेगी। पुल के बनने से दोनों शहरों के बीच आवागमन और व्यापार में आसानी होगी। इससे सिर्फ मुंबई को ही इसका फायदा नहीं मिलेगा, बल्कि शौलनीयों व लोगों का गोवा पहुंचना भी आसान हो जाएगा। इसके शुरू हो जाने के बाद मुंबई से गोवा तक 2 घंटे पहले पहुंचा जा सकेगा।
छह लेन की सड़क, दो पैदल यात्री और साइकिल मार्ग भी
पुल(India longest sea bridge) पर छह लेन की सड़क है, जिसमें प्रत्येक दिशा में तीन लेन हैं। पुल पर दो पैदल यात्री और साइकिल मार्ग भी हैं। पुल पर वाहनों की आवाजाही के लिए टोल लगाया जाएगा। मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक के वन वे के लिए 500 रुपये का टोल लगने की संभावना है। लंबे समय से इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी (MMRDA) ने पहले ही राज्य सरकार को टोल फ्री करने की पेशकश का प्रस्ताव रखा था। हालांकि, सरकार ने एक तरफ से 250 रुपये टोल का फैसला किया है। सरकार का मानना है कि इस से लोगों का पैसा और समय बचेगा।
पर्यावरण का ध्यान, ध्वनि प्रदूषण भी कम
इस पुल(India longest sea bridge) को बनाने में पर्यावरण का विशेष ध्यान रखा गया है। यहां के समुद्र में हर साल दूसरे देश से सर्दियों में आने वाले फ्लेमिंगो पक्षी को भी ध्यान में रखा गया है। इसके लिए ब्रिज के किनारे साउंड बैरियर लगाया गया है। साथ ही इसको बनाते समय इस बात का ध्यान रखा गया कि ध्वनि प्रदूषण कम से कम हो ताकी समुद्री जीवों को कोई नुकसान न हो। एमएमआरडीए ने यें दावा किया है कि पीछले साल फ्लेमिंगो पक्षी की संख्या बढ़ गई थी।
सुरक्षा का रखा गया खास ध्यान
इस ब्रिज(India longest sea bridge) से कोई भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर (BRC) की तस्वीर या वीडियो न ले इसके लिए यहां व्यू बैरियर भी लगाया गया है। इसके अलावा यहां ऐसी लाइट्स लगी हैं, जोकि सिर्फ ब्रिज पर पड़े और समुद्री जीवों का नुकसान न हो। साथ ही पुल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वाले 400 सीसीटीवी कैमरे से लैस है। इससे सुरक्षा के लिहाज से बहुत मदद मिल सकेगी।
पुल के निर्माण (India longest sea bridge) के दौरान कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। इस ब्रिज के पास ही जेएनपी है जहां दुनियाभर से बड़े बड़े मालवाहक जहाज आते हैं। इसलिए पुल बनाते समय सबसे यह बड़ा चैलेंज था कि इसके नीचे से जहाज को बहुत आसानी से पार कराया जा सके। इसके लिए ब्रिज पे ऑर्थोट्रोपिक स्टील डेक स्पैन का निर्माण किया गया जिसकी अधिकतम लंबाई 180 मीटर तक है।
India longest sea bridge : पीएम मोदी करेगें उद्घाटन
इसका उद्घाटन 12 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों होगा। पुल के निर्माण से मुंबई के विकास में महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा। यह पुल मुंबई को एक वैश्विक शहर बनाने में मदद करेगा।
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