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बांग्लादेश में चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी पर भारत का कड़ा रुख, सुरक्षा पर जताई चिंता

बांग्लादेश में हाल के दिनों में अल्पसंख्यकों के घरों और दुकानों को आगजनी, लूटपाट और तोड़फोड़ का शिकार बनाया गया है। जिसमें चरमपंथी तत्वों ने हिंदू समुदाय के लोगों और अन्य अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया है।

by Rakesh Pandey
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नई दिल्ली: बांग्लादेश में ISKCON के धर्मगुरु चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी पर भारत सरकार ने गंभीर चिंता जताई है। विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश सरकार से यह अपील की है कि वह वहां के अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करें और उनके शांतिपूर्ण अधिकारों का सम्मान करें।

विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह घटना बांग्लादेश में पिछले कुछ समय से बढ़ रही हिंसा का हिस्सा है, जिसमें चरमपंथी तत्वों ने हिंदू समुदाय के लोगों और अन्य अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया है। मंत्रालय ने बताया कि बांग्लादेश में हाल के दिनों में अल्पसंख्यकों के घरों और दुकानों को आगजनी, लूटपाट, और तोड़फोड़ का शिकार बनाया गया है। इसके अलावा कई मंदिरों और देवी-देवताओं की मूर्तियों को अपवित्र किया गया है।

अपराधी घूम रहे खुलेआम, धार्मिक नेता को किया गया गिरफ्तार

विदेश मंत्रालय ने चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी के बाद चिंता जताते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिन अपराधियों ने अल्पसंख्यकों पर हमले किए हैं, वे अब भी खुलेआम घूम रहे हैं, जबकि एक शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात रखने वाले धार्मिक नेता को गिरफ्तार किया गया है। मंत्रालय ने इस पर विरोध दर्ज करते हुए कहा कि हम चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी का विरोध करते हैं और साथ ही बांग्लादेश सरकार से अपील करते हैं कि वह अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को प्राथमिकता दें और शांतिपूर्ण विरोध करने के अधिकार का सम्मान करें।

गिरफ्तारी के बाद भी जारी रहेगा आंदोलन

चिन्मय प्रभु को 25 नवंबर को ढाका के हजरत शाहजलाल हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तारी के बाद अदालत में पेश किए जाने के दौरान उन्होंने कहा कि बांग्लादेश के हिंदू समुदाय से मेरी अपील है कि वे इस आंदोलन को योजना के अनुसार जारी रखें। उनके इस बयान से साफ जाहिर होता है कि वे अपनी गिरफ्तारी के बावजूद अपने आंदोलन को जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

इसके अलावा, बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के लोगों ने चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी का विरोध करते हुए मेट्रोपोलिटन कोर्ट के बाहर प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस और रबर की गोलियां भी चलाईं, जिससे स्थिति और तनावपूर्ण हो गई।

भारत सरकार ने इस मामले में बांग्लादेश के अधिकारियों से अपील की है कि वे हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा को सुनिश्चित करें और उनके शांतिपूर्ण विरोध और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का भी सम्मान करें।

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