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C-17 Plane : दिल्ली में नहीं, अमृतसर में क्यों उतरा C-17 प्लेन, जानें क्या था मामला

हथकड़ियों में जकड़े 104 भारतीयों की अमेरिका वापसी, सामने आया पहला Video

by Rakesh Pandey
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नई दिल्ली: अमेरिकी वायुसेना का C-17 ग्लोबमास्टर विमान 104 भारतीय नागरिकों को लेकर बुधवार दोपहर को अमृतसर एयरपोर्ट पर उतरा। ये सभी भारतीय नागरिक पहले अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे थे और डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद उन्हें डिपोर्ट कर दिया गया था। हालांकि, यह घटना उस समय सुर्खियों में आ गई जब पंजाब से कांग्रेस नेता और अमृतसर के सांसद गुरजीत औजला ने सवाल उठाए कि यह विमान दिल्ली एयरपोर्ट पर क्यों नहीं उतरा? उन्होंने इस मुद्दे पर लोकसभा में चर्चा की मांग की और केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए इसे “शर्मनाक और अस्वीकार्य” करार दिया।

सामने आया पहला Video

अमेरिका से डिपोर्ट कर भारत भेजे गए 104 भारतीयों को लेकर देश-विदेश में मामला गरमाया हुआ है। इसके विरोध में विपक्षी सांसद संसद के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच यूएस बॉर्डर पैट्रोल (UBSP) ने अमेरिकी मिलिट्री प्लेन से अवैध प्रवासी भारतीयों को भारत भेजे जाने का वीडियो जारी किया है।

यूएस बॉर्डर पैट्रोल के अध्यक्ष माइकल डब्ल्यू. बैंक्स ने अपने सोशल मीडिया पर यह वीडियो पोस्ट कर कहा कि यूएसबीपी और पार्टनर्स ने सफलतापूर्वक अवैध प्रवासियों को भारत भेज दिया है। यह अमेरिका से अब तक सबसे दूरस्थ देश भेजे जाने वाला प्लेन है। अगर आप अवैध रूप से सीमा पार करोगे तो आपको उसका अंजाम भुगतना होगा।

औजला ने उठाए सवाल

गुरजीत औजला ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “शर्मनाक और अस्वीकार्य! मोदी सरकार ने भारतीय अप्रवासियों को बेड़ियों में जकड़े हुए विदेशी सैन्य विमान से वापस भेजने की अनुमति दी। कोई विरोध क्यों नहीं? वाणिज्यिक उड़ान क्यों नहीं? विमान दिल्ली में क्यों नहीं उतरा? यह हमारे लोगों और हमारी संप्रभुता का अपमान है। सरकार को जवाब देना चाहिए।” उनके इस ट्वीट ने एक नई बहस शुरू कर दी, जिसमें कई लोग सरकार से इस मामले में स्पष्टीकरण की मांग कर रहे हैं।

पंजाब की राजनीति में घमासान

कांग्रेस के जालंधर कैंट विधायक परगट सिंह ने भी इस मुद्दे को उठाया। उन्होंने कहा कि पंजाब के मुकाबले गुजरात और अन्य राज्यों से ज्यादा भारतीय नागरिकों को डिपोर्ट किया गया था। उन्होंने एक्स पर लिखा, “जब पंजाब अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की मांग करता है, तो पंजाब को आर्थिक लाभ से वंचित करने के लिए दिल्ली हवाई अड्डों को अनुमति दी जाती है। लेकिन जब बदनामी की कहानी गढ़ने की बात आती है, तो एक अमेरिकी निर्वासन उड़ान पंजाब में उतरती है– भले ही ज्यादातर निर्वासित लोग गुजरात और हरियाणा से हों।”

दिल्ली की बजाय अमृतसर में क्यों उतरा विमान?

अमृतसर में विमान के उतरने को लेकर सोशल मीडिया पर कई लोगों ने सवाल उठाए। कुछ लोगों ने पूछा कि यदि विमान में सबसे अधिक लोग गुजरात से थे, तो इसे वहां क्यों नहीं भेजा गया? वहीं, गुरजीत औजला ने भी विदेश मंत्री एस जयशंकर से ट्वीट करके पूछा कि आखिर क्यों दिल्ली की बजाय अमृतसर को इस उड़ान का गंतव्य बनाया गया।

विदेश मंत्रालय ने हालांकि इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया। लेकिन कुछ विश्लेषकों का मानना है कि विमान में सवार अधिकांश लोग एक ही भौगोलिक क्षेत्र, यानी उत्तर भारत से थे, इसलिए यह फैसला लिया गया कि विमान को अमृतसर में उतारा जाए। इसके अलावा, दिल्ली और अमृतसर के एयरपोर्ट ही इस तरह की उड़ानों को संभालने के लिए सक्षम हैं, जबकि अन्य छोटे एयरपोर्ट पर ऐसी फ्लाइट्स के लिए सुविधाएं नहीं होतीं।

सुरक्षा के कारण भी हो सकता है निर्णय

एक और कारण भी हो सकता है। 5 फरवरी को दिल्ली में विधानसभा चुनावों के लिए मतदान हो रहे थे और दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए ऐसे बड़े विमान के लिए विशेष सुरक्षा इंतजाम करने की जरूरत होती। संभव है कि दिल्ली एयरपोर्ट पर चुनावी सुरक्षा व्यवस्था के कारण C-17 विमान को अमृतसर में उतारने का निर्णय लिया गया हो, जहां सुरक्षा की स्थिति थोड़ी आसान थी।

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