नई दिल्ली : गुरुवार तड़के दिल्ली एयरपोर्ट एक भावुक दृश्य का गवाह बना, जब युद्धग्रस्त ईरान से निकाले गए 100 से अधिक भारतीय छात्र ‘ऑपरेशन सिंधु’ के तहत सुरक्षित स्वदेश लौटे। जैसे ही छात्रों ने एयर इंडिया की विशेष फ्लाइट से दिल्ली की ज़मीन पर कदम रखा, वहां मौजूद परिजनों की आंखें खुशी के आंसुओं से भर आईं। इजरायल और ईरान के बीच जारी युद्ध के माहौल में यह वापसी लाखों भारतीय परिवारों के लिए राहत लेकर आई है।
खतरे के बीच रचा गया सुरक्षित रेस्क्यू का सफर
तेहरान और उर्मिया जैसे शहरों में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे इन भारतीय छात्रों को आर्मीनिया के रास्ते सुरक्षित निकाला गया। मंगलवार को छात्रों ने ज़मीनी रास्ते से आर्मीनिया की सीमा पार की और वहां से एयर इंडिया की विशेष उड़ान के जरिए गुरुवार को वे भारत पहुंचे। इस समूचे अभियान को विदेश मंत्रालय और तेहरान स्थित भारतीय दूतावास ने मिलकर संचालित किया और इसे ऑपरेशन सिंधु नाम दिया गया। यह नाम भारत की जीवनदायिनी सिंधु नदी की तरह हर संकट में जीवनदायिनी शक्ति के प्रतीक के रूप में सामने आया है।
परिजनों की आंखों में आंसू, दिल में राहत
दिल्ली एयरपोर्ट पर अपनों की प्रतीक्षा कर रहे परिवारजनों की भावनाएं छलक पड़ीं। जम्मू-कश्मीर के निवासी माज हैदर के पिता हैदर अली ने कहा, “हम वाकई बहुत खुश हैं। लेकिन अभी भी कुछ छात्र तेहरान में फंसे हैं, उन्हें जल्द निकाला जाए।”
बुलंदशहर के परवेज आलम, जो अपने बेटे समीर का इंतजार कर रहे थे, ने कहा, “सरकार ने जिस तत्परता से कार्रवाई की, वह सराहनीय है। हालात दिन-ब-दिन खराब हो रहे थे, लेकिन बेटे को सलामत देखकर अब सुकून है।”
जम्मू-कश्मीर छात्र संघ ने जताया आभार
जम्मू-कश्मीर छात्र संघ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर का आभार जताते हुए कहा, “सरकार ने त्वरित निर्णय लेकर छात्रों की जान बचाई। उम्मीद है बाकी छात्रों की भी सुरक्षित वापसी जल्द सुनिश्चित की जाएगी।”
सोशल मीडिया पर छाया #OperationSindhu
सोशल मीडिया पर #OperationSindhu तेजी से ट्रेंड कर रहा है। ट्विटर, इंस्टाग्राम और फेसबुक पर यूजर्स ने सरकार की इस त्वरित पहल की तारीफ करते हुए भावुक वीडियो और तस्वीरें शेयर की हैं। कई लोगों ने इसे “संकट में उम्मीद की किरण” बताया है।


