CHAIBASA: रविवार को सारंडा के कंपार्टमेंट संख्या – 36 में पाए गए घायल मादा हाथी का गुरुवार को चौथे दिन भी समुचित रूप से इलाज नहीं हो सका। हालांकि शाम को हथिनी को वनतारा की टीम ने पेन किलर देकर और एंटीबायोटिक इंजेक्ट किया गया।कहा जा रहा है कि हथिनी को ट्रेंकुलाइज कर इलाज किया जा सकता था। बुधवार को तड़के से वन विभाग और गुजरात से आई वनतारा की मेडिकल टीम का ग्रामीणों के सहयोग से घायल हथिनी को समतल स्थान पर लाने का प्रयास किया गया। वह समतल स्थान के काफी करीब तक पहुंच भी गई थी। यहां उसे ट्रेंकुलाइज कर इलाज करने के बाद सुरक्षित स्थान पर ले जाया जाना था। मगर वह वापस जंगल की ओर जाने के लिए मुड़ने लगी।
काफी दर्द और थकावट की वजह से अंत में वह नजमदा नाले के पानी में खड़ी हो गई। यहां मौका पाकर पेन किलर और एंटीबायोटिक दवा को इंजेक्शन के जरिए दिया गया। साथ ही उसे खाने के लिए केले दिए गए। जंगल के रास्ते को विभाग के द्वारा ब्लॉक कर दिया गया है। टीम देर शाम अंधेरे में भी मौक पर ही मौजूद रही और हथिनी की ड्रोन के जरिए नजर रखी गई। इस मौके पर पोड़ाहाट डीएफओ नीतीश कुमार, प्रशिक्षु आईएफएस अनुराधा मिश्रा और प्रशांत भविष्यकर, डॉ संजय घोलटकर, रेंज अधिकारी राम नंदन राम और शंकर भगत, थाना प्रभारी अमित खाखा के अलावा दो महावत के साथ वनतारा की 8 सदस्यीय टीम भी मौजूद रही।
शुक्रवार को फिर होगा प्रयास
इधर शाम होने की वजह से मेडिकल टीम और विभाग ने तय किया कि उसे शुक्रवार को ट्रेंकुलाइज कर इलाज किया जाएगा। इसमें फिर से हाथी को अगले दिन ढूंढना और मन माफिक स्थान तक लेकर आना सबसे बड़ी चुनौती होगी। बुधवार को उसके पैर के अंदर की एक हड्डी भी रास्ते में गिरी मिली है। डॉ . संजय घोलटकर ने कहा कि उसे जल्द ट्रेंकुलाइज कर समुचित इलाज होना जरूरी है। उसके पैर की सूजन बढ़ती जा रही है। अत्यधिक रक्तस्राव और इन्फेक्शन उसके लिए जानलेवा होता जा रहा है।