झारखंड पुलिस मुख्यालय ने राज्य के सभी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) और पुलिस अधीक्षक (SP) को जनता की शिकायतों के त्वरित समाधान और पुलिसकर्मियों के व्यवहार में सुधार के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। पुलिस महानिदेशक (DGP) अनुराग गुप्ता ने यह निर्देश सभी जिलों के पुलिस प्रमुखों को भेजा है।
FIR दर्ज करने में देरी न हो, साइबर और संवेदनशील मामलों पर विशेष ध्यान
दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि थानों में FIR दर्ज करने में देरी नहीं होनी चाहिए। विशेष रूप से, साइबर अपराध, एससी/एसटी मामलों, मानव तस्करी और महिलाओं से जुड़े अपराधों में पीड़ितों की शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई की जाए। थाने को क्षेत्राधिकार के बहाने FIR दर्ज करने से इनकार नहीं करना चाहिए।
जनता के साथ पुलिसकर्मियों के व्यवहार में सुधार पर जोर
डीजीपी ने पुलिस अधिकारियों से जनता के साथ अच्छे व्यवहार को प्राथमिकता देने की बात कही है। थानों में आने वाले शिकायतकर्ताओं के साथ संवेदनशील और सहायक रवैया अपनाने का निर्देश दिया गया है।
जिला और क्षेत्रीय पुलिस अधिकारियों को निरीक्षण का निर्देश
पुलिस अधीक्षक और क्षेत्रीय पुलिस उप-महानिरीक्षक को नियमित रूप से थानों का दौरा करने और थाना प्रभारियों को इन दिशा-निर्देशों का पालन करने के लिए प्रेरित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। साथ ही, पुलिस महानिरीक्षक (IG) को यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि जिले के सभी पुलिसकर्मी इन आदेशों का पालन करें।
दुर्व्यवहार पर होगी सख्त कार्रवाई
जनता के साथ दुर्व्यवहार करने वाले पुलिसकर्मियों पर सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई का आदेश दिया गया है। पुलिस महानिदेशक ने कहा है कि ऐसे मामलों की जानकारी तुरंत पुलिस मुख्यालय को दी जाए ताकि त्वरित कार्रवाई की जा सके।
शिकायतें वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंचाने की सुविधा
अगर किसी थाने में शिकायतकर्ता की शिकायत पर कार्रवाई नहीं होती, तो वे अपनी शिकायत वरिष्ठ अधिकारियों, जैसे पुलिस अधीक्षक या पुलिस महानिरीक्षक, तक पहुंचा सकते हैं।
संवेदनशील मामलों में पुलिस की जवाबदेही सुनिश्चित
डीजीपी अनुराग गुप्ता ने स्पष्ट किया है कि साइबर अपराध, एससी/एसटी मामलों और महिलाओं से जुड़े अपराधों में त्वरित और प्रभावी कार्रवाई से पुलिस की जवाबदेही बढ़ेगी। इन मामलों में शिकायतकर्ताओं को न्याय दिलाना प्राथमिकता होगी।