Home » लड़कियों को मिले पूरा हक, टेक्नोलॉजी क्षेत्र में पुरुषों के बराबर हो हिस्सेदारी : ईशा अंबानी

लड़कियों को मिले पूरा हक, टेक्नोलॉजी क्षेत्र में पुरुषों के बराबर हो हिस्सेदारी : ईशा अंबानी

by Rakesh Pandey
Isha Ambani
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Follow Now

नई दिल्ली/Isha Ambani: चौथी औद्योगिक क्रांति के इस डिजिटल युग में भारत को अगर वर्ल्ड लीडर के तौर पर उभरना है, तो लड़िकयों को आगे लाना होगा। विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और सूचना व संचार टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में लड़िकयों की भागीदारी बढ़ानी होगी। दूरसंचार विभाग द्वारा आयोजित ‘गर्ल्स इन आईसीटी इंडिया – 2024’ में लड़िकयों से बात करते हुए रिलायंस इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड की निदेशक ईशा अंबानी ने उन्हें प्रौद्योगिकी को एक कॅरियर के रूप में चुनने के लिए प्रोत्साहित किया। ईशा ने कहा, ‘टेक्नोलॉजी क्षेत्र में महिलाओं और पुरुषों का अनुपात बराबर होना चाहिए। इसके लिए हमें अभी लंबा रास्ता तय करना है’।

Isha Ambani: टेक्नोलॉजी कार्यबल में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 6 प्रतिशत बढ़ा

‘गर्ल्स इन इनफार्मेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी (जीआईसीटी) इंडिया – 2024’ का आयोजन दूरसंचार विभाग- भारत सरकार, अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार संघ (दक्षिण एशिया), इनोवेशन सेंटर – दिल्ली और संयुक्त राष्ट्र की अन्य एजेंसियों ने मिलकर किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए ईशा अंबानी ने कहा कि “सरकार आवश्यक सुधार कर रही है, और इसके परिणाम भी दिखाई देने लगे हैं।

पिछले दशक में टेक्नोलॉजी कार्यबल में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 6 प्रतिशत बढ़ा है, पर उद्योग जगत को भी अपना योगदान देना होगा। उन्हें ऐसे तरीके और साधन तैयार करने होंगे, जिससे महिलाओं के कॅरियर में स्थिरता सुनिश्चित हो सके। साथ मिलकर, हम एक ऐसा भविष्य बना सकते हैं, जहां हमारी बेटियों को कल का नेता बनने के समान अवसर मिले।

Isha Ambani: एक महिला को सशक्त बनाया जाए तो वह पूरे गांव को खाना खिलाएगी

ईशा अंबानी ने अपनी मां नीता अंबानी का जिक्र करते हुए कहा कि वे बार-बार कहती हैं कि ‘एक आदमी को सशक्त बनाओ तो वह एक परिवार का पेट भरेगा, जबकि एक महिला को सशक्त बनाया जाए तो वह पूरे गांव को खाना खिलाएगी’। उन्होंने आगे कहा कि ‘मुझे मेरी मां की बात पर पूरा विश्वास है कि महिलाएं जन्मजात लीडर होती हैं। उनकी सहज निस्वार्थता उन्हें बेहतर लीडर बनाती है।

महिला कर्मचारियों को उनके करियर के आरंभ से ही प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। केवल कागज पर विविधता और समावेशिता दिखाने से बदलाव नहीं आएगा’।

Read also:- World Hypertension Day (May 17) : कैसे और क्यो होता है रक्तचाप, जानिए इससे बचने के उपाय

Related Articles