नई दिल्ली: गाजा में इजरायली हमलों ने एक बार फिर से भयंकर तबाही मचाई है। लगभग दो महीने तक जारी संघर्ष विराम के बाद, रमजान के बीच इजरायल ने गाजा में फिर से तोपों का मुंह खोल दिया है, और इस बार हमलों में 342 फिलीस्तीनी नागरिकों के मारे जाने की सूचना है। इनमें से कई बच्चे भी शामिल हैं। इस हमले से गाजा में भारी तबाही हुई है और मौतों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
59 दिनों बाद सीजफायर का खत्म होना
इजरायल का कहना है कि गाजा पर प्रशासनिक नियंत्रण करने वाले आतंकी संगठन हमास ने 19 जनवरी को शुरू हुए संघर्षविराम को एकतरफा रद्द कर दिया है। इसके बाद 59 दिन बाद यानी 17-18 मार्च को यह सीजफायर समाप्त हो गया, और इजरायल ने गाजा में फिर से हमला शुरू कर दिया। हमास ने इस हमले को युद्धविराम समझौते का उल्लंघन करार दिया और आरोप लगाया कि इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने जानबूझकर यह युद्धविराम खत्म किया है, जिससे गाजा में बंधकों का भविष्य और भी अनिश्चित हो गया है।
हमास का बयान
हमास ने इस हमले को युद्धविराम के उल्लंघन के रूप में लिया और इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू पर आरोप लगाया कि वह अपने घरेलू राजनीतिक हितों के लिए संघर्ष को फिर से भड़का रहे हैं। हमास के एक अधिकारी ने कहा, “नेतन्याहू का यह फैसला गाजा में बंदी बनाए गए फिलीस्तीनी नागरिकों की जान को खतरे में डालने जैसा है।”
बधंकों की रिहाई पर संकट
इस बीच, इजरायल और हमास के बीच सीजफायर के दौरान 59 इजरायली बंधकों का मामला भी चर्चा में था। गाजा में 59 इजरायली बंधक अभी भी हमास के कब्जे में हैं। इन बंधकों की रिहाई के लिए दोनों पक्षों के बीच बातचीत चल रही थी, लेकिन अब संघर्षविराम खत्म होने के बाद इन बंधकों की रिहाई को लेकर स्थिति और भी जटिल हो गई है। हमास ने कहा कि युद्धविराम समझौते को खत्म करने से बंधकों की रिहाई का भविष्य और भी अनिश्चित हो गया है।
इजरायली सेना की प्रतिक्रिया
इजरायली सेना ने अपने हमले को सही ठहराते हुए दावा किया कि उन्होंने गाजा में दर्जनों लक्ष्यों को निशाना बनाया। सेना का कहना है कि हमले तब तक जारी रहेंगे जब तक आवश्यक होगा, और हवाई हमलों के बाद जमीनी सैन्य ऑपरेशन भी संभव है।
दोहा में वार्ता जारी
गाजा में जारी हिंसा के बीच इजरायल और हमास की वार्ता टीमों ने दोहा में भी मुलाकात की, जहां मिस्र और कतर के मध्यस्थ दोनों पक्षों के बीच संघर्षविराम को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे थे। इजरायल का कहना है कि वह संघर्षविराम को जारी रखने के लिए बाकी 59 बंधकों की रिहाई चाहता था, लेकिन हमास पूरी तरह से गाजा से इजरायली सेना की वापसी का इच्छुक था, और इस कारण बंधकों की रिहाई में कोई ठोस प्रगति नहीं हो पाई थी।
व्हाइट हाउस का बयान
वाशिंगटन में, व्हाइट हाउस के प्रवक्ता ने कहा कि इजरायल ने हमले से पहले अमेरिकी प्रशासन से परामर्श किया था। उन्होंने कहा कि हमलों में हमास के मध्यम स्तर के कमांडरों और नेतृत्व अधिकारियों के साथ-साथ हमास के बुनियादी ढांचे को भी निशाना बनाया गया।