सेंट्रल डेस्क। सोमवार को जम्मू-कश्मीर में नए निर्वाचित सदस्यों ने अपने पद के लिए शपथ ग्रहण किया। राज्य के क्षेत्रीय परिदृश्य में इसे एक महत्त्वपूर्ण क्षण माना जा रहा है। यह शपथ ग्रहण समारोह प्रोटेम स्पीकर मुबारक गुल की उपस्थिति में संपन्न हुआ। इस मौके पर जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्लाह और शगुन परिहार जैसे कई राजनीतिक हस्तियां भी शामिल हुई।
जय श्री राम के उद्घोष से शुरू किया शपथ ग्रहण
भगवा पगड़ी, सफेद कुर्ता-पजामा और मुंह से जय श्री राम, कुछ इस अंदाज में बीजेपी की नव निर्वाचित विधायक शगुन परिहार ने शपथ ग्रहण समारोह में भाग लिया। संस्कृत में शपथ ग्रहण कर उन्होंने सब का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। किश्तवाड़ से चुनी गई परिहार ने शपथ से पहले जय श्री राम के नारे भी लगाए। 29 वर्ष की परिहार ने शपथ ग्रहण समारोह में नारंगी पगड़ी भी धारण की थी। शगुन परिहार बीजेपी की ओर से इकलौती महिला नेत्री है और एसेंबली की सबसे छोटी सदस्य भी है।
कश्मीरी भाषा में ली थी अब्दुल्लाह ने शपथ
54 वर्ष की आयु में जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री बने उमर अब्दुल्लाह ने भी कश्मीरी भाषा में शपथ ग्रहण की थी। ऐसा करने वाले वे पहले सदस्य थे। इस अधिनियम को व्यापक रूप से नोट किया गया था, क्योंकि अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक क्षेत्र में एक केंद्रीय स्थान रखते हैं।
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में शगुन परिहार समेत 51 लोग पहली बार विधायक बने है। जिसमें चरार-ए-शरीफ से 80 वर्ष के अब्दुल रहीम राथर सबसे उम्रदराज विधायक है।
इससे पहले किसने ली थी संस्कृत में शपथ
इससे पहले बीजेपी सांसद बांसुरी स्वराज ने भी लोकसभा में संस्कृत में शपथ ग्रहण की थी। उनकी मां केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय सुषमा स्वराज ने भी संस्कृत में शपथ ग्रहण की थी। उन्होंने अपनी मां के पदचिन्हों पर चलते हुए इस परंपरा को आगे बढ़ाया था।
कौन है शगुन परिहार
10 साल बाद जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव में शगुन इकलौती महिला प्रत्याशी थी। अब जम्मू के किश्तवाड़ सीट से चुनाव जीतकर वे जम्मू में बीजेपी की विधायक बनी है। 2018 में शगुन परिहार के पिता अजित परिहार और उनके चाचा अनिल परिहार को आतंकवादियों ने गोली मार दी थी। उस वक्त शगुन के चाचा बीजेपी के प्रदेश सचिव थे। पीएचडी कर चुकी शगुन को बीजेपी ने अपना उम्मीदवार घोषित किया। अपने चुनावी नामांकन पर्चे में उन्होंने अपनी संपत्ति 92.40 लाख रुपए घोषित की थी। पीएम नरेंद्र मोदी ने भी उन्हें डोडा की चुनावी रैली के दौरान बेटी कह कर संबोधित किया था।