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Jamshedpur DC Meeting : जमशेदपुर में सेविका-सहायिका के 95 पदों पर जल्द होगी नियुक्ति

जमशेदपुर उपायुक्त ने की समाज कल्याण योजनाओं की समीक्षा, कार्य में प्रगति को लेकर सख्त, दिए आवश्यक दिशा-निर्देश...

by Anand Mishra
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Jamshedpur (Jharkhand) : पूर्वी सिंहभूम (जमशेदपुर) जिले में समाज कल्याण विभाग की योजनाओं की धीमी प्रगति और लापरवाही पर उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी (Karna Satyarthi) ने कड़ा रुख अपनाया है। बुधवार को जिला समाहरणालय सभागार में आयोजित मासिक समीक्षा बैठक में उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि विभागीय योजनाओं में किसी भी स्तर पर लापरवाही या धीमी प्रगति स्वीकार नहीं की जाएगी।

रिक्त पदों पर एक माह में नियुक्ति, आंगनबाड़ी भवनों की गुणवत्ता पर जोर

बैठक में सामने आया कि जिले में आंगनबाड़ी केंद्रों में सेविका के 41 और सहायिका के 54 पद रिक्त हैं, जिससे सेवाओं में बाधा आ रही है। उपायुक्त ने इन सभी 95 रिक्त पदों की नियुक्ति प्रक्रिया को एक माह के भीतर पूर्ण करने का निर्देश दिया।

आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण कार्यों की समीक्षा करते हुए उपायुक्त ने बताया कि जिले में कुल 1118 आंगनबाड़ी केंद्र सरकारी भवनों में संचालित हैं, जबकि 213 केंद्रों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। उन्होंने सभी अंचल अधिकारियों (सीओ) को स्पष्ट निर्देश दिया कि निर्माण कार्यों की नियमित निगरानी की जाए, गुणवत्ता सुनिश्चित हो और तय समयसीमा में कार्य पूर्ण कर भवनों का हस्तांतरण प्रारंभ किया जाए। उन्होंने आगाह किया कि आगामी माह से रिपोर्ट में भवनों की पूर्णता की स्थिति स्पष्ट रूप से प्रदर्शित होनी चाहिए।

शौचालय, बिजली और पोषण वाटिका में सुस्ती पर नाराजगी

शौचालय सुविधा की समीक्षा में पता चला कि 79 प्रतिशत आंगनबाड़ी केंद्रों में शौचालय उपलब्ध हैं, जबकि 199 में कार्य चल रहा है। उपायुक्त ने शेष निर्माण कार्यों में तेजी लाने का निर्देश दिया। विद्युत आपूर्ति की स्थिति भी संतोषजनक नहीं मिली, क्योंकि अभी भी 114 आंगनबाड़ी केंद्रों में बिजली नहीं पहुंच पाई है। उपायुक्त ने तत्काल विस्तृत रिपोर्ट मांगी और राज्य मुख्यालय व विद्युत विभाग से समन्वय स्थापित कर जल्द से जल्द बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने को कहा।

राज्य सरकार द्वारा निर्धारित 300 सक्षम/मॉडल आंगनबाड़ी केंद्रों के लक्ष्य के विरुद्ध अबतक मात्र 112 केंद्रों में ही पोषण वाटिका का कार्य प्रगति पर होने पर उपायुक्त ने असंतोष जताया। उन्होंने कहा कि यह प्रगति अस्वीकार्य है और सभी सीडीपीओ यह सुनिश्चित करें कि प्रत्येक मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र में पोषण वाटिका विकसित हो और इसका वास्तविक लाभ समुदाय को मिले।

पोषण ट्रैकर, कुपोषण और योजनाएं, सख्त कार्रवाई की चेतावनी

पोषण ट्रैकर में पंजीकृत कुल 1 लाख 46 हजार 963 लाभुकों में से 0-6 वर्ष के बच्चों के स्वास्थ्य मापन की उपलब्धि केवल 80 प्रतिशत रहने पर उपायुक्त ने नाराजगी जताई। उन्होंने आगामी 24 घंटे के भीतर शत-प्रतिशत मापन कार्य सुनिश्चित करने का निर्देश दिया, अन्यथा संबंधित सीडीपीओ को कारण बताओ नोटिस और महिला पर्यवेक्षिका का वेतन रोकने की चेतावनी दी। कुपोषण से संबंधित बच्चों (SAM/MAM) की स्थिति और कुपोषण उपचार केंद्रों की सक्रियता बढ़ाने पर भी जोर दिया गया। पोषण ट्रैकर में आधार प्रमाणीकरण और फेस ऑथेंटिकेशन की धीमी प्रगति पर भी असंतोष व्यक्त करते हुए, सभी प्रखंडों में आधार शिविर आयोजित कर प्रक्रिया तेज करने के निर्देश दिए गए।

VHSND (ग्राम स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस) में खराब प्रदर्शन को अत्यंत गंभीर मानते हुए नियमित निगरानी और कर्मियों की जवाबदेही तय करने को कहा गया। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना और सावित्री बाई फुले समृद्धि योजना के तहत शेष पात्र लाभुकों का तत्काल पंजीकरण सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया गया। बैठक में वन स्टॉप सेंटर में रिक्त पदों को भरने और वृद्धाश्रम के मरम्मतीकरण कार्य में तेजी लाने पर भी बल दिया गया।

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