Jamshedpur (Jharkhand) : झारखंड के जमशेदपुर में बिष्टुपुर स्थित शावक नानावती टेक्निकल इंस्टीट्यूट में शनिवार को एक दिवसीय सेमिनार “बिल्डिंग सेफर कम्युनिटीज : इंजीनियरिंग सॉल्यूशंस फॉर डिजास्टर रिस्क रिडक्शन एंड मैनेजमेंट” का आयोजन किया गया। यह सेमिनार द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया), जमशेदपुर लोकल सेंटर और एनआईटी जमशेदपुर (NIT Jamshedpur) के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के डिजास्टर रिस्क रिडक्शन क्लब (DRR-Club) के संयुक्त तत्वावधान में हुआ।
सेमिनार का उद्देश्य इंजीनियरों, शिक्षाविदों, उद्योग विशेषज्ञों और छात्रों को एक मंच पर लाना था, ताकि प्राकृतिक और मानव-जनित आपदाओं से निपटने के लिए वैज्ञानिक और इंजीनियरिंग समाधानों पर चर्चा की जा सके। सेमिनार में यह जोर दिया गया कि अब सिर्फ आपदाओं के बाद राहत पहुंचाने की बजाय, रोकथाम, तैयारी और लचीलापन (resilience) पर ध्यान केंद्रित करना जरूरी है।
सशक्त समुदाय व दूरदर्शी इंजीनियरिंग डिजाइन पर बल
सेमिनार का उद्घाटन एनआईटी जमशेदपुर के निदेशक प्रो. गौतम सूत्रधार ने किया। उन्होंने अपने भाषण में कहा कि सुरक्षा और लचीलापन सामुदायिक स्तर पर ही शुरू होता है। उन्होंने जोर दिया कि हर व्यक्ति, चाहे वह इंजीनियर हो, शिक्षक हो या सामान्य नागरिक, की इसमें भूमिका होती है। उन्होंने कहा कि सशक्त समुदाय और दूरदर्शी इंजीनियरिंग डिजाइन से ऐसे भविष्य का निर्माण किया जा सकता है, जहां आपदाएं त्रासदी में न बदलें। इस आयोजन को अल्ट्राटेक सीमेंट लिमिटेड ने प्रायोजित किया।
मिट्टी से लेकर AI तक, हर विषय पर हुई चर्चा
इस सेमिनार में कई महत्वपूर्ण तकनीकी सत्र हुए। इसमें एनआईटी जमशेदपुर के प्रो. अनिल कुमार चौधरी ने मिट्टी के कटाव और भूस्खलन को रोकने के लिए “बायोटेक्निकल और सॉइल बायोइंजीनियरिंग” समाधानों पर बात की। अशोक कुमार दास ने उन्होंने बाढ़ से निपटने और संकट प्रबंधन पर अपने पेशेवर अनुभव साझा किए। डॉएनआईटी जमशेदपु के सिविल इंजीनियरिंग विभागाध्यक्ष . प्रह्लाद प्रसाद ने भूकंप-रोधी संरचनाओं के डिजाइन और निर्माण रणनीतियों पर चर्चा की। डॉ. सीएच मधुसूदन राव ने बाढ़ और भूस्खलन की भविष्यवाणी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की भूमिका पर प्रकाश डाला। डॉ. एस. माधुरी ने भूकंप और सुनामी की स्थितियों में RC बिल्डिंग्स के गतिशील विश्लेषण (डायनामिक एनालिसिस) पर बात की। डॉ. जे. जयपाल ने सिविल इंजीनियरिंग में स्थिरता (सस्टेनेबिलिटी) के महत्व पर अपने विचार रखे।
कार्यक्रम का समापन प्रमाण पत्र वितरण और धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। सभी सत्र बेहद ही ज्ञानप्रद और इंटरैक्टिव थे, जिससे यह सेमिनार आपदा प्रबंधन में नवाचार, प्रौद्योगिकी और सक्रिय योजना की आवश्यकता पर जोर देने में सफल रहा।


