Jamshedpur : जमशेदपुर स्थित कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एमजीएम अस्पताल में बिल्डिंग की छत गिरने से तीन मरीजों की मौत में अधिकारियों की बड़ी लापरवाही सामने आई है। इससे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सख्त नाराज हैं। उनका कहना है कि अस्पताल में लोग मौत से बचने के लिए आते हैं। अगर, यहां हादसे में उनकी मौत हो जाए तो यह ठीक नहीं है। सीएम ने देर रात न केवल स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी को पूरे मामले को देखने के लिए भेजा बल्कि, स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों के जरिए हालात पर निगाह रखे हुए हैं। सूत्रों की मानें तो सीएम ने आदेश दिया है कि किसी भी हालत में उन सभी अधिकारियों पर कार्रवाई हो जो इसके लिए जिम्मेदार हैं।
गौरतलब है कि एमजीएम अस्पताल अधीक्षक, उप अधीक्षक, एमजीएम मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल और प्रशासनिक अधिकारियों के जिम्मे चल रहा था। इन सबकी जिम्मेदारी थी कि वह एमजीएम अस्पताल की इमारत पर नजर रखें। एमजीएम अस्पताल की अधिकतर इमारतें जर्जर हो चुकी हैं। इन्हें लीपापोती कर चमकाया गया है। वहीं कई इमारतें तो अब भी जर्जर नजर आती हैं। इनमें बच्चा वार्ड और गायनी वार्ड प्रमुख है। इनकी छतें देखने से लगता है कि यह अब गिरें कि तब गिरें।
यह अधिकारी कार्रवाई के रडार पर
सूत्रों की मानें तो इस बार जिम्मेदार अधिकारी बच नहीं पाएंगे। इसमें एमजीएम अस्पताल की अधीक्षक, उप अधीक्षक और कॉलेज के प्रिंसिपल हैं। इन सबकी जिम्मेदारी थी कि अगर इमारत जर्जर हो गई है तो उसे बंद कर वहां से मरीजों को हटा देना चाहिए था। एमजीएम अस्पताल में पहले भी छज्जा और छत का प्लास्टर गिरने से मरीज घायल हुए थे। ऐसे में अधिकारियों को अलर्ट रहना चाहिए था। इसके अलावा, एक प्रशासनिक अधिकारी को भी एमजीएम अस्पताल को देखने का जिम्मा दिया गया था। पूर्व में यह जिम्मेदारी एडीएम को दी गई थी। अभी जिस प्रशासनिक अधिकारी के पास यह जिम्मेदारी थी उन पर कार्रवाई का खाका तैयार होगा। सूत्रों की मानें तो सरकार मन बना चुकी है कि इस बार जांच पर निगाह रखी जाएगी। हर बार अधिकारी नीचे के कर्मचारियों पर लापरवाही का बोझ डाल कर खुद बच कर निकल जाते हैं। सूत्रों की मानें तो इस बार ऐसा मुश्किल माना जा रहा है।
बिल्डिंग में थे 15 मरीज

एमजीएम अस्पताल में बिल्डिंग गिरने से अब तक तीन लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। हादसे के वक्त भवन के भीतर कुल 15 लोग मौजूद थे, जिनमें से 12 लोगों को घायल अवस्था में बाहर निकाला गया, जबकि तीन शवों को रेस्क्यू टीम ने मलबे से बरामद किया। मृतकों की पहचान गोविंदपुर के लुकास साइमन तिर्की, साकची निवासी डेविड जोनसन और सरायकेला के श्रीचंद तांती के रूप में की गई है। श्रीचंद तांती की मां रेणुका देवी की हालत गंभीर बनी हुई है और उन्हें टीएमएच में भर्ती कराया गया है।
डीसी ने दिए जांच के आदेश
हादसे की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन, टाटा स्टील की रेस्क्यू टीम और एनडीआरएफ की विशेष टीम मौके पर पहुंची और देर शाम तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया। गंभीरता को देखते हुए झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी भी रात में खुद मौके पर पहुंचे। उन्होंने स्थिति का जायजा लिया और मौके पर मौजूद जमशेदपुर उपायुक्त (DC) से एक सप्ताह में जांच रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए।
परिजनों को पांच लाख रुपये का मुआवजा
डॉ. इरफान अंसारी ने घोषणा की कि इस हादसे में जान गंवाने वालों के परिजनों को 5 लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये मुआवजा राज्य सरकार की ओर से दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि घटना के दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। स्वास्थ्य मंत्री के साथ जुगसलाई विधायक मंगल कालिंदी, पोटका विधायक संजीव सरदार समेत कई अन्य जनप्रतिनिधि भी मौके पर मौजूद रहे।
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