Jamshedpur : जमशेदपुर के जुगसलाई थाना क्षेत्र के रहने वाले 26 वर्षीय सैफ अली की मौत एक रहस्यमय घटना बनती जा रही है। परिजनों का आरोप है कि यह कोई सामान्य मौत नहीं बल्कि एक साजिशन की गई हत्या है, जिसे पुलिस छुपाने की कोशिश कर रही है। यही नहीं, पुलिस ने इस मुस्लिम युवक को लावारिस घोषित कर पार्वती घाट पर उसका अंतिम संस्कार करा दिया। परिजन पुलिस की इस लापरवाही पर आक्रोश में हैं। सैफ अली हबीब नगर, गोल घर स्कूल का निवासी था। 11 अप्रैल को वह एक महिला से शादी की बात कहकर घर से निकला था। परिवार इस शादी के खिलाफ था, लेकिन सैफ ने परिजनों की बात नहीं मानी और फिर कभी वापस नहीं लौटा। कई बार परिजन जुगसलाई थाना पहुंचे और गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने कोई सुनवाई नहीं की।
खाली क्वार्टर में मिला था शव
तीन मई को सैफ की बहन शब्बो को सूचना मिली कि बागबेड़ा थाना क्षेत्र के रेलवे ट्रैफिक कॉलोनी स्थित एक खाली क्वार्टर से एक युवक का शव बरामद हुआ था। जब उन्होंने बागबेड़ा थाना में जाकर अपने भाई की तस्वीर दिखाई, तो शव की पहचान सैफ अली के रूप में हुई।
हत्या की रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई की मांग
पुलिस के अनुसार, यह शव 24 अप्रैल को बरामद किया गया था। चूंकि शव की पहचान नहीं हो सकी थी, इसलिए 29 अप्रैल को पार्वती बर्निंग घाट में उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। परिजनों का कहना है कि सैफ मुस्लिम था और शव को जलाने के बजाय उसे दफनाया जाना चाहिए था। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बिना स्पष्ट पहचान और धर्म की जानकारी के शव का अंतिम संस्कार करना गंभीर लापरवाही है।सैफ की बहन शब्बो का कहना है कि यह करंट लगने से मौत नहीं बल्कि हत्या का मामला है। उन्होंने शक जताया कि अनिमेष कुमार राम नामक व्यक्ति के आवेदन के आधार पर इसे सामान्य मौत (UD case) दिखाया गया, जबकि सच्चाई इससे अलग है।
जुगसलाई पुलिस ने नहीं दर्ज की थी गुमशुदगी की रिपोर्ट
बागबेड़ा थाना के पुलिसकर्मी ने बताया कि शव सड़ चुका था और अखबारों में सूचना देने के बावजूद कोई परिजन सामने नहीं आया। ऐसे में नियमानुसार पोस्टमॉर्टम के बाद शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया। उन्होंने यह भी कहा कि अगर परिजन एफआईआर दर्ज कराना चाहें तो पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।थाना प्रभारी गोपाल कृष्ण यादव ने भी कहा कि शव की स्थिति बेहद खराब थी। परिवार की शिकायत के आधार पर कानूनन जरूरी कदम उठाए जाएंगे।अब सैफ के परिजन हत्या की एफआईआर दर्ज कराने और दोषियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि अगर पुलिस ने समय पर गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज की होती, तो शव की पहचान जल्द हो सकती थी और धार्मिक रीति-रिवाजों के अनुसार अंतिम संस्कार किया जाता।
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