Jamshedpur News : जमशेदपुर शहर के पूर्वी इलाके में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के घटक दलों में ही फूट पड़ गई है। इस इलाके में भाजपा और जदयू कार्यकर्ता आमने-सामने हैं। इलाके में जलापूर्ति को लेकर टाटा स्टील यूआईएसएल जो भी कर रहा है उसका श्रेय लेने की होड़ है। भाजपाई इसका श्रेय भाजपा की जमशेदपुर पूर्वी इलाके की विधायक पूर्णिमा साहू को दे रहे हैं तो जदयू कार्यकर्ता इसे जमशेदपुर पश्चिम के विधायक सरयू राय की करामात बता रहे हैं। ऐसे सियासी माहौल में जनता के असल मुद्दे हवा हो गए हैं।
इस इलाके में यह सियासी खींचतान नई नहीं है। इसकी जड़ें झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 तक पहुंचती हैं। इस राजनीतिक तनाव की शुरुआत साल 2019 से तब हुई थी जब पूर्व सीएम रघुवर दास के नेतृत्व वाली भाजपा ने जमशेदपुर पश्चिम से तत्कालीन विधायक सरयू राय का टिकट काट दिया था। इसके बाद सरयू राय ने भाजपा छोड़ दी थी और जमशेदपुर पूर्वी से तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ ही जमशेदपुर पूर्वी इलाके से निर्दलीय चुनाव लड़ गए थे। इस चुनाव में उन्होंने रघुवर दास को पटखनी दे दी थी। तभी से रघुवर दास और सरयू राय के बीच तनातनी चली आ रही है। साल 2024 के विधानसभा चुनाव में सरयू राय जदयू में शामिल हो गए और जमशेदपुर पश्चिम से विधायक बन गए। मगर, वह जदयू के संगठन के सहारे अब भी जमशेदपुर पूर्वी में सक्रिय रहते हैं। जमशेदपुर पूर्वी से रघुवर दास की बहू पूर्णिमा साहू विधायक हैं। रघुवर दास भी ओडिशा के राज्यपाल पद से इस्तीफा देने के बाद जमशेदपुर पूर्वी की सियासत में सक्रिय हो गए हैं। ऐसे में इन देनों नेताओं के बीच अभी भी सियासी टकराव चल रहा है। इसी टकराव का नतीजा है कि वर्तमान में महानंद बस्ती, नानक नगर और नामदा बस्ती में टाटा यूआइएसएल द्वारा जल कनेक्शन दिए जाने को लेकर दोनों पक्ष श्रेय लेने में जुट गए हैं।
बस्तियों में पेयजल कनेक्शन को लेकर सियासत तेज हो गई है। विधायक पूर्णिमा साहू के प्रतिनिधि गुंजन यादव द्वारा नामदा बस्ती, नानक नगर और महानंद बस्ती में जलापूर्ति को लेकर दिए गए बयान पर जनता दल (यूनाइटेड) ने कड़ा विरोध जताया है। जदयू के पूर्वी सिंहभूम जिलाध्यक्ष सुबोध श्रीवास्तव ने मंगलवार को प्रेस बयान जारी कर कहा कि गुंजन यादव का दावा पूरी तरह भ्रामक है और जनता को गुमराह करने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि इन बस्तियों में वर्षों से जल आपूर्ति टाटा स्टील यूआईएसएल द्वारा की जा रही है, जो पूर्व विधायक सरयू राय के प्रयासों का परिणाम है।
सुबोध श्रीवास्तव ने कहा कि विधायक रहते हुए सरयू राय ने यह सुनिश्चित कराया था कि जब तक विधिवत कनेक्शन नहीं मिलते, तब तक जल आपूर्ति बनी रहे। अब जब विधिवत कनेक्शन की प्रक्रिया शुरू हुई है, तो कुछ राजनीतिक श्रेय लेने की होड़ में गलत प्रचार कर रहे हैं।
उन्होंने दोहराया कि यह सुविधा किसी नए नेता की नहीं, बल्कि सरयू राय की दूरदर्शिता और वर्षों की मेहनत का परिणाम है, जिसे राजनीतिक रंग देकर जनता को भ्रमित करना दुर्भाग्यपूर्ण है।