Jamshedpur News : सिदगोड़ा स्थित मणिपाल टाटा मेडिकल कॉलेज में थर्ड ईयर के छात्र दिव्यांशु की आत्महत्या को लेकर शनिवार को स्टूडेंट्स ने हंगामा किया। स्टूडेंट्स ने गेट जाम कर दिया है। उनकी मांग है की मणिपाल टाटा मेडिकल कॉलेज स्टूडेंट सेक्शन के इंचार्ज डॉक्टर विनय और बस इंचार्ज सुमित झा को हटाया जाए। स्टूडेंट का कहना है कि दिव्यांशु पांडेय की मौत का जिम्मेदार प्रबंधन है।
लेकिन, इन दो अधिकारियों की बड़ी जिम्मेदारी है। छात्र बताते हैं कि जब दिव्यांशु ने कुछ खा लिया था और वह छटपटा रहा था तो प्रबंधन के अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया। डॉक्टर विनय को इसकी जानकारी मिली तो वह घटनास्थल छोड़कर कहीं चल हट गए थे। बस इंचार्ज से एंबुलेंस मांगने को कहा गया तो उन्होंने बहाना बनाया कि अभी ड्राइवर नहीं है। स्टूडेंट का कहना है कि जब भी छात्रों को एंबुलेंस की जरूरत होती है तो कह दिया जाता है की एंबुलेंस में डीजल नहीं है। कभी बहाना बना दिया जाता है कि डॉक्टर नहीं है, जिससे स्टूडेंट्स काफी नाराज है।
मेडिकल छात्रों का कहना है कि अगर प्रबंधन घटना वाले दिन तेजी दिखाता तो दिव्यांशु की जान बच सकती थी। मगर, प्रबंधन से जुड़े अधिकारी घटना स्थल से हट गए थे। छात्र इस बात से भी नाराज हैं कि प्रबंधन प्रचार कर रहा है कि दिव्यांशु को एंबुलेंस से टीएमएच ले जाया गया। छात्रों का कहना है कि दिव्यांशु को निजी वाहन से अस्पतााल ले जाया गया था। यही नहीं, छात्राओं का आरोप है कि बस इंचार्ज सुमित झा अनाफ-शनाफ बयान दे रहे हैं। उनकी जिम्मेदारी थी कि अगर दिव्यांशु छटपटा रहा था तो उसे फौरन अस्पताल भेजा जाता। मगर, ऐसा नहीं हो सका। छात्रों का आरेप है कि दिव्यांशु लगभग 45 मिनट तक घटनास्थल पर तड़पता रहा मगर, टाटा मणिपाल मेडिकल कॉलेज के किसी जिम्मेदार की मानवीय संवेदना नहीं जागी कि उसे फौरन अस्पताल पहुंचाए। छात्रों का कहना है कि वह अपने आंदोलन से यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि प्रबंधन सजग हो जाए और भविष्य में ऐसी घटना नहीं हो।
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