आनंद मिश्र, जमशेदपुर/Jamshedpur Womens University: एक कहावत है ‘खाता न बही, राजा जो कहे वही सही’। ऐसे राज में कोई कानून नहीं चलता, यानी जंगलराज होता है। जमशेदपुर वीमेंस यूनिवर्सिटी में कमोबेश यही स्थिति है। फर्क सिर्फ इतना है कि यहां वीसी ‘फाइनांस ऑफिसर दोनों अपनी मनमर्जी चला रहे हैं’।
इन दोनों के संरक्षण में यूनिवर्सिटी में व्यापक का अनियमितता बरती जा रही हैं। इनकी देखरेख में नीचे से लेकर ऊपर तक के बाकी भी कई अधिकारी-पदाधिकारी खुलकर अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं। परिणाम यह है कि शोषण के शिकार हो रहे दूसरे कर्मचारियों में भारी नाराजगी है।
एजेंसी के अधीन कार्यरत कंप्यूटर ऑपरेटर व कर्मियों में असंतोष है।सूत्रों की मानें तो विश्वविद्यालय में नियमों को ताक पर रखकर रिजल्ट की घोषणा किए बगैर संविदा आधारित शिक्षक-शिक्षिकाओं से लेकर कंप्यूटर ऑपरेटरों तक की नियुक्ति हो रही है।
पीएचडी रजिस्ट्रेशन में भी गड़बड़ी की शिकायतें मिल रही हैं। छात्र नेता हेमंत पाठक ने आरोप लगाया है कि नियुक्ति में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है। इसकी जांच होनी चाहिए।
Jamshedpur Womens University: तीन ऑपरेटरों में फाइनांस ऑफिसर की बेटी भी
पिछले ही दिनों यूनिवर्सिटी में तीन कंप्यूटर ऑपरेटरों की नियुक्ति की गयी है। इनमें वे तीन नाम शामिल हैं, जिनकी नियुक्ति पहले से ही तय मानी जा रही थी। विश्वविद्यालय सूत्रों ने पहले ही इन तीनों की बहाली की संभावना जताई थी। नियुक्त कंप्यूटर ऑपरेटरों में तपन मोदक, दीपाशा शरण और गुलिस्तां जावेद शामिल हैं।
तपन मोदक पिछले कई वर्षों से यहां संविदा पर कार्यरत हैं। दीपाशा करण यूनिवर्सिटी की कुलपति डॉ. अंजिला गुप्ता की पीए हैं। वहीं गुलिस्तां जावेद यूनिवर्सिटी के फाइनांस ऑफिसर डॉ.जावेद अहमद की बेटी हैं।
Jamshedpur Womens University: नियुक्ति की अविलंब जांच हो
कंप्यूटर ऑपरेटर पद के लिए आवेदन करने वालों एवं साक्षात्कार में शामिल अभ्यर्थियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि फाइनांस ऑफिसर की बेटी को कंप्यूटर का ज्ञान नहीं है। बावजूद उनकी नियुक्ति कर ली गयी, इसलिए इसकी अविलंब जांच होनी चाहिए।
यदि जांच में विलंब हुआ, तो ऐसे अभ्यर्थी को बैकडेट में ट्रेंड कर मामले की लीपापोती कर दी जाएगी।
Jamshedpur Womens University: एफओ की एक बेटी का हुआ था पीएचडी में रजिस्ट्रेशन
फाइनांस ऑफिसर डॉ.जावेद अहमद की एक बेटी शगुफ्ता जावेद जमशेदपुर वीमेंस यूनिवर्सिटी से ही पीएचडी कर रही हैं। बताया जाता है कि पीएचडी एडमिशन के समय प्वाइंट कम होने के बावजूद डॉ. अहमद यूनिवर्सिटी प्रशासन के समक्ष अड़ गए थे।
उन्होंने हर हाल में अपनी बेटी के रजिस्ट्रेशन के लिए वीटो लगा दिया था, जबकि एक छात्रा नेट क्वालिफाइड थी और उसका प्वाइंट भी अधिक था।
फाइनांस ऑफिसर के अड़ियल रवैये को देखते हुए यूनिवर्सिटी प्रशासन को झुकना पड़ा और काफी गड़बड़झाला कर नेट क्वालिफाइड छात्रा का प्वाइंट कम दर्शाकर उनकी बेटी का रजिस्ट्रेशन किया गया।
Jamshedpur Womens University: रिजल्ट का अता-पता नहीं
कंप्यूटर ऑपरेटर पद के लिए 178 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। इनमें से 168 अभ्यर्थी तकनीकी परीक्षा सह साक्षात्कार में शामिल हुए थे। इस नियुक्ति के संबंध में फिलहाल वैसे अभ्यर्थियों को ही जानकारी है, जो यूनिवर्सिटी में किसी न किसी रूप में कार्यरत हैं।
इसका रिजल्ट जारी किए बगैर चयन प्रक्रिया में हिस्सा लेने वाले तीन लोगों को काम शुरू करने के लिए कह दिया गया है।
Jamshedpur Womens University: शिक्षक नियुक्ति में भी धांधली
इससे पूर्व यूनिवर्सिटी में शिक्षक-शिक्षिकाओं की नियुक्ति की गई। पिछले जनवरी माह में बायोटेक एवं बीपीएड के लिए अभ्यर्थियों का साक्षात्कार लिया गया था। उनमें से मात्र एक शिक्षिका की बायोटेक विभाग में नियुक्ति की गई।
इस नियुक्ति के रिजल्ट के संबंध में वोकेशल विभाग की को-ऑर्डिनेटर (सीवीसी) और यूनिवर्सिटी के कुलसचिव के पास कोई जवाब नहीं है।
Jamshedpur Womens University: कुलसचिव व सीवीसी कर रहे फेंका-फेंकी
कुलसचिव इस संबंध में सीवीसी से पूछने को कहते हैं, तो सीवीसी कुलसचिव से बात करने को कहती हैं। इसके अलावा बीबीए, बीसीए विभागों के अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए कॉल करने को लेकर भी कुछ अभ्यर्थियों ने सवाल खड़े किए थे।
कुछ अभ्यर्थियों को बीबीए अथवा बीसीए में शिक्षक पद के लिए पीएचडी की अनिवार्यता बतायी गयी थी। बावजूद कुछ लोगों को पीएचडी अथवा नेट क्वालिफाइड अभ्यर्थियों को छोड़ पीजी डिग्री पर ही साक्षात्कार में कॉल किया गया था।
Jamshedpur Womens University: जमशेदपुर वीमेंस यूनिवर्सिटी के कुलसचिव नहीं दे रहे जवाब
इस संबंध में जमशेदपुर वीमेंस यूनिवर्सिटी के कुलसचिव से उनके मोबाइल पर संपर्क कर जानकारी लेने का प्रयास किया गया, लेकिन संपर्क नहीं हो सका। इसके अलावा वाट्सएप संदेश के माध्यम से भी जानकारी मांगी गई। बावजूद कोई जवाब नहीं आया।
Jamshedpur Womens University: अजीबो-गरीब हालात
यूनिवर्सिटी में हालात यह है कि नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल सीवीसी डॉ. अन्नपूर्णा झा को यह पता नहीं है कि साक्षात्कार का रिजल्ट प्रकाशित हुआ है या नहीं। केवल बुधवार को वह छुट्टी पर थीं। इससे पहले सोमवार व मंगलवार को यूनिवर्सिटी में उपस्थित थीं।
उसी दौरान नियुक्ति हुई है। बावजूद उन्हें यह पता नहीं है कि रिजल्ट का प्रकाशन हुआ है या नहीं। उनका कहना है कि यूनिवर्सिटी आने पर ही देख कर वह इस संबंध में कुछ बता सकती हैं।
कोट :नियुक्ति की प्रक्रिया में वह कहीं नहीं हैं। इस संबंध में सेलेक्शन बोर्ड के लोग अथवा सीवीसी कुछ बता सकती हैं। – राजेंद्र जायसवाल, कुलसचिव
आज मैं छुट्टी पर हूं। विश्वविद्यालय लौटने पर ही कुछ बता सकती हूं। वैसे यूनिवर्सिटी में मौजूद किसी अधिकारी से पूछ सकती हैं। – अन्नपूर्णा झा, सीवीसी
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