रांची : झारखंड की राजधानी रांची स्थित रिम्स आए दिन चर्चा में रहता है। कभी अव्यवस्था को लेकर तो कभी डॉक्टरों की उपलब्धियों की वजह से। वैसे राज्य के सबसे बड़े सरकारी हॉस्पिटल में व्यवस्था सुधार के प्रयास भी होते रहते हैं। अब रिम्स प्रबंधन हॉस्पिटल में चल रहे प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र (पीएमबीजेके) का विस्तार करने जा रहा है, जिससे हजारों मरीजों को सस्ती दवाएं मिल सकेंगी। विस्तार के लिए अस्पताल के पुराने इमरजेंसी विंग में मौजूदा जन औषधि केंद्र और अमृत फार्मेसी के बीच के खाली पड़े जगह का उपयोग किया जाएगा। इससे जन औषधि केंद्र में पहले से ज्यादा दवाएं स्टॉक में रहेंगी।
खुलेंगे 2 और नए काउंटर
वर्तमान में जन औषधि केंद्र केवल दो काउंटरों के साथ संचालित होता है, जिससे लंबी कतारें लगती हैं। ऐसे में मरीजों को दवा मिलने में देरी होती है। नई योजना के तहत सर्विस बढ़ाने और मरीजों के लिए वेटिंग टाइम को कम करने के लिए काउंटरों की संख्या दोगुनी की जाएगी। 2 और काउंटर खुलने से मरीजों को राहत मिलेगी। वहीं दवा के लिए इंतजार ज्यादा देर तक नहीं करना होगा।
संचालन का जिम्मा विंध्या मेडिको को
जन औषधि केंद्र सरकार द्वारा संचालित सस्ती दवा आउटलेट है, जिसे 2022 में रिम्स में हैंडओवर कर दिया गया। अब विंध्या मेडिको इसका संचालन कर रही है। यहां कम लागत पर मिलने वाली दवा मरीजों को बड़ी राहत प्रदान कर रही है।
24 घंटे खुली है दुकान
रिम्स के पीआरओ डॉ. राजीव रंजन ने बताया कि यह दुकान रियायती दरों पर आवश्यक दवाओं की निर्बाध पहुंच सुनिश्चित करने के लिए स्थापित की गई थी। केंद्र 24×7 संचालित है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि मरीजों और उनके तीमारदारों को दवाओं की तलाश में देर रात या आपातकालीन स्थिति में भटकना न पड़े। सबसे खास बात ये है कि जेनरिक दवाओं को बढ़ावा दिया जा रहा है।
केंद्र में करीब 300 दवाएं
केंद्र में 300 के करीब जेनरिक दवाएं उपलब्ध हैं। ये जेनरिक दवाएं अपने ब्रांडेड समकक्षों की तुलना में काफी कम कीमत पर उपलब्ध हैं। इसके अलावा रिम्स के सेंटर में दवाओं के एमआरपी पर भी सात प्रतिशत तक छूट दी जा रही है।
जेनरिक दवा लिखने का आदेश
पिछले दिनों रिम्स डायरेक्टर ने सभी डॉक्टरों को जेनरिक दवाएं मरीजों को लिखने का आदेश दिया था। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का हवाला दिया था। ऐसे में जब डॉक्टर जेनरिक दवाएं मरीजों को लिखेंगे, तो उन्हें दवा खरीदने के लिए दूर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
हॉस्पिटल में आते हैं 2500 मरीज
अस्पताल के ओपीडी में हर दिन ढाई हजार मरीज इलाज के लिए आते हैं। इनमें ओपीडी के मरीजों की संख्या 2000 है। वहीं इमरजेंसी में इलाज के लिए 500 के करीब मरीज हर दिन पहुंचते हैं। ऐसे में जन औषधि केंद्र के 2 और काउंटर मरीजों के लिए लाइफ लाइन साबित होंगे।