Dhanbad (Jharkhand) : झरिया के पूर्व भाजपा विधायक संजीव सिंह को करीब 8 साल बाद बड़ी राहत मिली है। अपने चचेरे भाई और पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्या की साजिश के आरोप में 11 अप्रैल 2017 से न्यायिक हिरासत में जेल में बंद संजीव सिंह को शुक्रवार को सर्वोच्च न्यायालय से जमानत मिल गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने दी जमानत, निचली अदालतों से हो चुकी थी खारिज
संजीव सिंह के वकील, अधिवक्ता मो. जावेद ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति बीआर गवई, न्यायमूर्ति विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति एनबी अंजारिया की खंडपीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता सन्नी चौधरी की दलीलें सुनने के बाद संजीव सिंह को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया। जैसे ही यह आदेश ट्रायल कोर्ट पहुँचेगा, वे जमानत पर मुक्त हो जाएँगे।
इससे पहले, संजीव सिंह की जमानत याचिका तीन बार निचली अदालत से और तीन बार झारखंड उच्च न्यायालय से खारिज हो चुकी थी। अधिवक्ता जावेद ने बताया कि उनकी ओर से यह तर्क दिया गया था कि इस मामले के कई अन्य आरोपित, जैसे पिंटू सिंह, संजय सिंह, धनजी सिंह, चंदन सिंह और कुर्बान को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल चुकी है, जबकि रिंकू सिंह और डबलू मिश्रा को उच्च न्यायालय से जमानत मिली है।
स्वास्थ्य और संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन
अधिवक्ता ने यह भी दलील दी कि संजीव सिंह सात अलग-अलग बीमारियों से ग्रसित हैं और जेल में उनकी हालत लगातार बिगड़ रही है। उन्होंने कहा कि आठ साल बाद भी मामले की सुनवाई पूरी नहीं हो पाई है, जो उनके संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है। संजीव सिंह के खिलाफ पुलिस ने 28 जून 2017 को आरोप पत्र दायर किया था। 3 जनवरी 2019 को अदालत ने संजीव सहित छह आरोपितों के खिलाफ आरोप तय किए थे। वर्तमान में मुकदमे में बचाव पक्ष की बहस चल रही है।
नीरज सिंह हत्याकांड : एक नजर
21 मार्च 2017 की शाम करीब 7 बजे, नीरज सिंह, अशोक यादव, उनके निजी अंगरक्षक मुन्ना तिवारी और ड्राइवर घोल्टू की स्टील गेट के पास ताबड़तोड़ फायरिंग कर हत्या कर दी गई थी। नीरज के भाई अभिषेक सिंह उर्फ गुड्डू सिंह की शिकायत पर सरायढेला थाने में विधायक संजीव सिंह, उनके भाई मनीष सिंह, पिंटू सिंह, गया सिंह और महंत पांडेय समेत अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी।