RANCHI: रांची स्थित एसडीसी सभागार में मंगलवार को झारखंड राज्यस्तरीय कलाकारों का महाजुटान 2025 का भव्य आयोजन हुआ। जिसमें राज्य भर के 24 जिलों और 9 भाषाई समूहों के कलाकारों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम का आयोजन झारखंड कलाकार सोसाइटी द्वारा किया गया, जिसका उद्देश्य राज्य के कलाकारों के योगदान को पहचान देना और उनके भविष्य के लिए सशक्त नीति पर चर्चा करना था।
कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि भूमंडलीकरण के इस युग में कलाकारों को अपने हुनर की मार्केटिंग करनी होगी, ताकि वे आर्थिक रूप से सशक्त हो सकें। उन्होंने जानकारी दी कि राज्य सरकार ने हाल ही में झारखंड राज्य ललित कला अकादमी, संगीत नाटक अकादमी और साहित्य अकादमी को मंजूरी दी है, जो कलाकारों के लिए एक नई दिशा तय करेगी।
दिवंगत कलाकारों को दी श्रद्धांजलि
कृषि मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि राज्य के कलाकारों ने झारखंड को गढ़ने में अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि नृत्य, संगीत, चित्रकला और संस्कृति के माध्यम से कलाकारों ने झारखंड की पहचान देश और दुनिया में बनाई है। इससे पहले कार्यक्रम की शुरुआत झारखंड की सांस्कृतिक विरासत में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले दिवंगत कलाकारों को श्रद्धांजलि अर्पित कर की गई।
मोरहाबादी में कलाकारों का होगा महासमागम
पूर्व मंत्री बंधु तिर्की ने इस अवसर पर घोषणा की कि दिसंबर में रांची के मोरहाबादी मैदान में राज्य के कलाकारों का महासमागम आयोजित किया जाएगा। जिसमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को आमंत्रित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कलाकारों के लिए बीमा, आरक्षण और नीति निर्माण की दिशा में ठोस कदम जरूरी हैं।
मौके पर ये रहे मौजूद
कार्यक्रम में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश, पद्मश्री मधु मंसूरी, राजीव रंजन, एम तौसीफ, किशोर नाथ शाहदेव समेत कई गणमान्य व्यक्तियों और कलाकारों ने हिस्सा लिया। मधु मंसूरी ने गीतों के माध्यम से कलाकारों की पीड़ा और संघर्ष को उजागर किया।