Jamshedpur (Jharkhand ) : रांची के सिरमटोली में बन रहे फ्लाईओवर को लेकर आदिवासी संगठनों का विरोध लगातार तेज होता जा रहा है। आदिवासी बचाओ मोर्चा ने 4 जून को झारखंड बंद का एलान किया है। इस बंद को कई आदिवासी संगठनों का समर्थन मिल चुका है। बंद को सफल बनाने के लिए विभिन्न जिलों में संगठन बैठकें कर रहे हैं और जनजागरूकता अभियान चला रहे हैं। इसी क्रम में रविवार को केंद्रीय सरना स्थल सिरमटोली बचाओ मोर्चा के पदाधिकारी जमशेदपुर पहुंचे और बारीडीह स्थित शकुंतला उद्यान में बिरसा सेना के नेताओं से मुलाकात की। बैठक के बाद बिरसा सेना ने भी झारखंड बंद में शामिल होने की घोषणा की और इसे सफल बनाने का संकल्प लिया।
विवाद की जड़
आदिवासी संगठनों का कहना है कि सिरमटोली स्थित केंद्रीय सरना स्थल के द्वार पर फ्लाईओवर का रैंप उतारा गया है, जिससे धार्मिक स्थल की गरिमा और अस्तित्व खतरे में पड़ गया है। आदिवासी बचाओ मोर्चा का कहना है कि यही वह ऐतिहासिक स्थल है, जहां से 1969 में पहली सरहुल शोभा यात्रा निकली थी।
बिरसा सेना का ऐलान
बिरसा सेना के केंद्रीय अध्यक्ष दिनकर कच्छप ने राज्य सरकार पर आदिवासी विरोधी रवैया अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार आदिवासियों की जमीन छीन रही है, धार्मिक स्थलों की अनदेखी की जा रही है और प्रशासनिक स्तर पर भी आदिवासियों को लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि अब आदिवासी अपने अधिकारों के लिए आरपार की लड़ाई लड़ेंगे।
आदिवासी संगठनों की प्रमुख मांगें
- फ्लाईओवर का रैंप सिरमटोली स्थित सरना स्थल के द्वार से हटाया जाए।
- मरांग बुरु और अन्य धार्मिक स्थलों की रक्षा सुनिश्चित की जाए।
- आदिवासी सरना न्यास बोर्ड का गठन किया जाए।
- पेसा कानून को प्रभावी रूप से लागू किया जाए।
- आदिवासियों की पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था को मान्यता दी जाए।