रांची : भाजपा (BJP) के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी (Babulal Marandi) ने रविवार को कहा कि झारखंड सरकार की सावित्री बाई फुले किशोरी समृद्धि योजना (Savitribai Phule Kishori Samriddhi Yojana) के तहत 5,514 लाभार्थियों को अभी तक उनकी राशि का भुगतान नहीं किया गया है। इस योजना का उद्देश्य कक्षा 8 से 12 तक की छात्राओं को उनकी शिक्षा जारी रखने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना था। योजना के तहत, कक्षा 8 से 10 तक की छात्राओं को 2,500 रुपये प्रति वर्ष और कक्षा 11-12 की छात्राओं को 5,000 रुपये प्रति वर्ष देने का प्रावधान था।
सार्वजनिक तौर पर आरोप
बाबूलाल मरांडी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के माध्यम से इस मुद्दे पर अपनी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि योजना की राशि का वितरण तकनीकी कारणों और बजट की कमी के कारण अभी तक नहीं किया जा सका है, जिससे लाखों गरीब और जरूरतमंद छात्राओं का भविष्य प्रभावित हो रहा है। मरांडी ने यह भी आरोप लगाया कि प्रशासन की लापरवाही और बजट का सही तरीके से आवंटित नहीं किए जाने की वजह से योजना पूरी तरह से विफल हो गई है। उनका कहना था कि इस प्रकार की योजनाएं कागजों तक ही सीमित रह गई हैं और लाभार्थियों तक समय पर लाभ नहीं पहुंचने के कारण सरकार के दावे धरातल पर असफल हो गए हैं।
सरकार से त्वरित कार्रवाई की मांग
मरांडी ने राज्य सरकार से मांग की है कि वह इस मामले में तुरंत कार्रवाई करे और योजना के तहत लाभान्वित छात्राओं को उनका हक समय पर मिल सके। उन्होंने कहा कि यह सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि जो योजना युवाओं के भविष्य के लिए बनाई गई थी, उसे वास्तविकता में परिवर्तित किया जाए।
महाकुंभ पर्व और मंत्री के बयान की आलोचना
इसके साथ ही, बाबूलाल मरांडी ने महाकुंभ पर्व पर भी बयान दिया और इस पर्व को सनातन हिंदू धर्म की आस्था का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि यह पर्व लाखों लोगों के लिए पुण्य प्राप्ति का माध्यम है, जहां लोग प्रयागराज के संगम में स्नान कर, संत महात्माओं से आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए आते हैं। लेकिन झारखंड सरकार के मंत्री हफिजुल हसन और इरफ़ान अंसारी द्वारा महाकुंभ पर की गई भ्रामक टिप्पणियों को लेकर उन्होंने आपत्ति जताई। उनका कहना था कि इन टिप्पणियों से करोड़ों सनातन धर्म अनुयायियों की भावनाओं को ठेस पहुंची है और माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही है।
मंत्री के बयान पर उठे सवाल
मरांडी ने यह भी आरोप लगाया कि हफिजुल हसन ने महाकुंभ में हुई एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना के संदर्भ में गलत तथ्यों के साथ बयान दिया, जो लोगों को भड़काने और अफवाह फैलाने का प्रयास था। उन्होंने यूपी और झारखंड पुलिस से इस मामले का संज्ञान लेने और आवश्यक कार्रवाई करने का आग्रह किया।


