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Jharkhand BJP Leadership in Assembly : झारखंड भाजपा में नेतृत्व संकट, विधानसभा सत्र से पहले नेता का चयन अधूरा

by Anand Mishra
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जमशेदपुर / रांची : झारखंड विधानसभा चुनाव में हार के बाद भाजपा (BJP) में नेतृत्व को लेकर असमंजस बना हुआ है। चुनाव परिणाम घोषित हुए तीन महीने से अधिक हो चुके हैं, लेकिन भाजपा ने अभी तक अपने विधायक दल का नेता नहीं चुना है। विधानसभा सत्र 24 फरवरी से शुरू हो रहा है, और जबकि बाकी सभी दलों ने अपने-अपने नेता का चयन कर लिया है, भाजपा इस महत्वपूर्ण सवाल पर मौन है।

भाजपा आला कमान नेतृत्व पर मौन

भाजपा के नेताओं के अनुसार, वे सब शीर्ष नेतृत्व के आदेश का इंतजार कर रहे हैं। दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की प्राथमिकताएं बदल गई थीं, लेकिन अब दिल्ली में सरकार बन जाने के बाद भाजपा की झारखंड इकाई में नए नेता का चयन किसी भी समय हो सकता है।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं

राज्य में नेता प्रतिपक्ष का चयन अटका हुआ है, जिसके कारण अन्य संवैधानिक पदों पर नियुक्तियां भी प्रभावित हो रही हैं। यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट में है, जिसने 5 जनवरी को भाजपा को आदेश दिया था कि वह हफ्ते भर के अंदर नेता प्रतिपक्ष का चयन करके शीर्ष अदालत को सूचित करे। हालांकि, 12 जनवरी तक यह प्रक्रिया पूरी होनी चाहिए थी, लेकिन डेढ़ महीने बाद भी भाजपा ने इसे पूरा नहीं किया है।

बाबूलाल मरांडी का नाम सबसे आगे

भाजपा संगठन में इस बार भी बाबूलाल मरांडी का नाम विधायक दल के नेता के तौर पर सबसे आगे चल रहा है। वह फिलहाल भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष हैं और माना जा रहा है कि वह प्रदेश अध्यक्ष का पद छोड़कर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी निभा सकते हैं। अगर किसी कारणवश ऐसा नहीं होता है, तो सीपी सिंह का नाम भी सामने आ सकता है।

बदलाव की तैयारी

भाजपा में नेतृत्व को लेकर और भी बदलाव की चर्चा है। रघुवर दास, जो झारखंड के मुख्यमंत्री और ओडिशा के राज्यपाल रह चुके हैं, पार्टी के संगठन में अहम भूमिका निभा सकते हैं। उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की संभावना जताई जा रही है। रघुवर दास ने राज्यपाल पद से इस्तीफा देकर भाजपा की सदस्यता फिर से ग्रहण की थी और अब झारखंड की राजनीति में उनका सक्रिय लौटना तय माना जा रहा है।

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