रांची : भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री (Ex chief Minister) बाबूलाल मरांडी ने राज्य की 108 एंबुलेंस सेवा (108 Ambulance Service) पर गंभीर सवाल उठाए हैं। मंगलवार को उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (Twitter) पर झारखंड (Jharkhand) में आपातकालीन चिकित्सा सहायता (Emergency Medical Service) की एक अहम सेवा 108 एंबुलेंस सेवा की स्थिति को लेकर चिंता व्यक्त की। मरांडी ने कहा है कि इस सेवा को गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जो मरीजों की जान को खतरे में डाल रही है।
देर से पहुंच रही हैं एंबुलेंस
बाबूलाल मरांडी ने आरोप लगाया कि एंबुलेंस का रिस्पॉन्स टाइम (Ambulance Response Time) अत्यधिक बढ़ गया है। उन्होंने बताया कि शहरी क्षेत्रों में एंबुलेंस का औसत रिस्पॉन्स टाइम 25 मिनट और ग्रामीण इलाकों में 40 मिनट होता है, लेकिन वास्तविकता इससे भी खराब है। कई बार तो कॉल करने के 60 मिनट बाद भी एंबुलेंस नहीं पहुंचती, जिससे मरीजों की जान पर भारी खतरा मंडराता है। उन्होंने कहा कि जहां एक ओर पांच मिनट की देरी में मरीज की जिंदगी और मौत तय हो जाती है, वहीं झारखंड में एंबुलेंस 20 से 30 मिनट की देरी से पहुंच रही हैं।
खराब स्थिति में 77 एंबुलेंस
मरांडी ने आगे कहा कि राज्य में कुल 543 एंबुलेंस हैं, लेकिन इनमें से 77 एंबुलेंस खराब हालत में हैं और सेवा से बाहर हैं। उन्होंने बताया कि नियमानुसार हर 21,000 की आबादी पर एक एंबुलेंस का होना चाहिए, लेकिन झारखंड में यह औसत 34,000 से अधिक है, जो कि एक गंभीर चिंता का विषय है। खराब प्रबंधन और संसाधनों की कमी के कारण मरीजों को समय पर मदद नहीं मिल पा रही है, जिससे उनकी जान तक जा रही है।
सरकार से त्वरित कार्रवाई की अपील
बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री से अपील की है कि वे लोगों की जान से खिलवाड़ करना बंद करें और इस संवेदनशील मुद्दे पर त्वरित और सार्थक कदम उठाएं। उन्होंने राज्य सरकार से एंबुलेंस सेवा में सुधार, संसाधनों की बेहतर व्यवस्था और समय पर चिकित्सा सहायता देने की मांग की ताकि किसी भी झारखंडी की जान इलाज के अभाव में न जाए।

