Home » ILLEGAL RO WATER PLANT: राजधानी में अवैध रूप से चल रहे आरओ वाटर प्लांट पर लगेगा ताला, डेडलाइन खत्म

ILLEGAL RO WATER PLANT: राजधानी में अवैध रूप से चल रहे आरओ वाटर प्लांट पर लगेगा ताला, डेडलाइन खत्म

by Neha Verma
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Follow Now

रांची नगर निगम ने शहर में पानी का कारोबार करने वाले आरओ संचालकों के लिए एक नोटिस जारी किया था। जिसमें आरओ वाटर प्लांट संचालकों को रांची नगर निगम से लाइसेंस लेने का निर्देश दिया गया था। लेकिन तीन महीने बीत जाने के बावजूद आरओ संचालकों ने लाईसेंस के लिए आवेदन ही नहीं दिया है। अबतक पूरे शहर से मात्र 5 संचालकों ने आवेदन दिया है। जिससे साफ है कि अवैध रूप से पानी का कारोबार करने वाले इन आरओ संचालकों को कार्रवाई का कोई डर नहीं है। हालांकि रांची नगर निगम ने इसके लिए पूरी तैयारी कर ली है। वहीं अवैध रूप से चल रहे प्लांट पर ताला लगा दिया जाएगा। इतना ही नहीं एक्ट के तहत इन संचालकों पर कार्रवाई भी की जाएगीl


3 महीने की डेडलाइन खत्म

नगर निगम की ओर से आरओ संचालकों को तीन महीने का समय दिया गया था। जिसके तहत लाईसेंस के लिए 5000 रुपये रजिस्ट्रेशन शुल्क और 20,000 रुपये वार्षिक शुल्क जमा करने का निर्देश दिया गया था। यह कदम इसलिए उठाया गया था ताकि नागरिकों को शुद्ध और सुरक्षित पानी उपलब्ध हो सके। वहीं ग्राउंड वाटर निकालकर कारोबार करने वालों पर सख्ती बरती जा सके। लेकिन डेडलाइन खत्म होने के बाद भी संचालक इंटरेस्ट नहीं दिखा रहे है।


ये मांगे गए थे दस्तावेज

वाटर प्लांट संचालकों को लाइसेंस के लिए रजिस्ट्रेशन कराते समय कुछ आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने को कहा गया था। जिसमें आधार कार्ड, कंपनी या फर्म रजिस्ट्रेशन, बिजली बिल, होल्डिंग रसीद, केंद्रीय भूगर्भ जल प्राधिकार का एनओसी (नोडल ऑफिसर का प्रमाण पत्र) और रेन वाटर हार्वेस्टिंग की योजना के दस्तावेज देना था। इन कागजातों की जांच के बाद निगम संबंधित प्लांट को लाइसेंस जारी करता। लेकिन संचालकों द्वारा इंटरेस्ट नहीं दिखाए जाने से साफ है कि उन्हें कार्रवाई का कोई डर नहीं है।


जोन के आधार पर लाइसेंस

लाइसेंस देने के लिए पूरे शहर को चार जोन में बांटा गया है। इसके आधार पर लाइसेंस की स्वीकृति दी जाएगी। जिसमें सेफ जोन जहां पानी की आपूर्ति में कोई गंभीर समस्या नहीं है। इन क्षेत्रों में संचालित होने वाले वाटर प्लांट को आसानी से लाइसेंस मिल जाएगा। सेमी क्रिटिकल जोन के लिए पानी की किल्लत हो सकती है, लेकिन तत्काल कोई गंभीर संकट नहीं है। यहां प्लांट संचालकों को मार्च 2026 तक लाइसेंस दिया जाएगा। क्रिटिकल जोन में जहां पानी की कमी है और जल संकट एक बड़ी समस्या बन चुका है। इन क्षेत्रों में संचालित होने वाले वाटर प्लांट को मार्च 2025 तक लाइसेंस देने को कहा गया था। वहीं ड्राई जोन इलाके में जहां पर पानी की भारी कमी वाले क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति के लिए वाटर प्लांट के संचालन की अनुमति नहीं दी जाएगी। ड्राइ जोन में लाइसेंस जारी नहीं किया जाएगा, ताकि वहां के जल संसाधनों का दोहन न हो।

Related Articles