रांची : झारखंड के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अनुराग गुप्ता ने राज्य के सभी जिलों और इकाइयों से गैर-अनुशासित पुलिसकर्मियों की सूची मांगी है। यह कदम पुलिस विभाग के भीतर अनुशासन बनाए रखने और सुधार की दिशा में उठाया गया है। डीजीपी ने शनिवार को इस संबंध में एक आदेश जारी किया, जिसके तहत सभी जिलों और इकाइयों को अनुशासनहीन पुलिस अफसरों और कर्मियों की सूची पुलिस मुख्यालय को भेजने का निर्देश दिया गया है। डीजीपी स्तर से इन पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
क्या है आदेश?
डीजीपी द्वारा जारी आदेश में पुलिस विभाग के कर्मचारियों के बारे में सात महत्वपूर्ण बिंदुओं पर रिपोर्ट मांगी गई है। इनमें मुख्य रूप से नागरिकों, महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार करने वाले, अपराधियों से संबंध रखने वाले, कर्तव्य से भागने वाले, शराब पीने की आदत वाले और भ्रष्टाचार में लिप्त पुलिसकर्मी शामिल हैं।
सात बिंदुओं पर रिपोर्ट
- पूर्व में कार्रवाई किए गए पुलिस अफसर और कर्मी : जो आम नागरिकों और महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार करने के आरोप में कार्रवाई का शिकार हो चुके हैं।
- जमीन माफिया और आपराधिक व्यक्तियों से संबंध : जिनके आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त होने के संकेत मिले हैं।
- कर्तव्य से भागने वाले पुलिस अफसर : जो ड्यूटी से गायब रहते हैं और कर्तव्य पालन में लापरवाह होते हैं।
- शराब पीने वाले पुलिस कर्मी : जो ड्यूटी के दौरान शराब पीते हैं।
- अवकाश पर देर से लौटने वाले: वे पुलिस अफसर और कर्मी जो बिना किसी कारण के अपनी छुट्टियों की समय सीमा बढ़ा देते हैं।
- वरिष्ठ अधिकारियों के साथ दुर्व्यवहार : जिनके खिलाफ वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ गलत व्यवहार करने के आरोप हैं।
- भ्रष्टाचार से जुड़े पुलिसकर्मी: जो भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे हैं या जिनके खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले चल रहे हैं।
पुलिस प्रशासन की सख्ती
इस आदेश के बाद राज्य भर में पुलिसकर्मियों के अनुशासन की कड़ी जांच शुरू हो गई है। डीजीपी स्तर से अनुशासनहीन कर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की उम्मीद जताई जा रही है। यह कदम राज्य पुलिस बल के कार्यकुशलता को बेहतर बनाने और विभाग में व्याप्त अनुशासनहीनता को समाप्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण है।