Home » Chaibasa News: हाथियों के उत्पात से पीड़ित 23 लोगों के बीच बांटा गया साढ़े 26 लाख रुपए का मुआवजा

Chaibasa News: हाथियों के उत्पात से पीड़ित 23 लोगों के बीच बांटा गया साढ़े 26 लाख रुपए का मुआवजा

प्राकृतिक आपदा या हाथी हमले में नुकसान पर मिलेगा मुआवजा, आवेदन देना जरूरी : विधायक जगत माझी

by Reeta Rai Sagar
Compensation distribution to elephant attack victims in Chaibasa
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Follow Now

Chaibasa News: झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के आनंदपुर प्रखंड में हाथियों द्वारा की गई तबाही के पीड़ितों को मुआवजा राशि का वितरण किया गया। सोमवार को पोड़ाहाट वन प्रमंडल के आनंदपुर डाक बंगला परिसर में आयोजित कार्यक्रम में विधायक जगत माझी और जिला परिषद उपाध्यक्ष रंजीत यादव ने 23 पीड़ित ग्रामीणों के बीच ₹26,64,280 की क्षतिपूर्ति राशि सौंपी।

यह मुआवजा राशि उन गांवों के निवासियों को दी गई, जहां बीते दिनों हाथियों के झुंड ने धान की फसल, घर और जनजीवन को भारी नुकसान पहुंचाया था। प्रभावित गांवों में गोंदपुर, बुरुइंचिंडा, रूंगीकोचा, बटमा, लोरपोंडा, ठियाटांगर, गुड़गांव, गीतिउली, बोरोतिग्गा आदि शामिल हैं।

इस दौरान गीतिउली गांव की वृद्ध महिला बुधनी सोलंकी की हाथी के हमले में मौत हो गई थी। उनके परिजन को भी मुआवजा राशि दी गई।

विधायक ने क्या कहा

इस अवसर पर विधायक जगत माझी ने कहा कि प्राकृतिक आपदा या जंगली जानवरों के हमले जैसी घटनाओं में सरकार द्वारा मुआवजा देने का स्पष्ट प्रावधान है। चाहे वह हाथी हो, बिजली गिरने से नुकसान, आग लगना, या नदी-नालों में डूबने से मौत — सभी घटनाओं में क्षतिपूर्ति राशि दी जाती है।

उन्होंने ग्रामीणों से अपील की कि ऐसी किसी भी घटना की जानकारी तुरंत वन विभाग या संबंधित सरकारी कार्यालय को दें और आवेदन की प्रक्रिया का पालन करें, जिससे समय पर सहायता मिल सके।

जांच के बाद मिला मुआवजा

हाथी हमलों की घटनाओं के बाद ग्रामीणों ने आनंदपुर वन क्षेत्र कार्यालय में आवेदन दिया था। वन विभाग की टीम द्वारा मौके पर जाकर वास्तविक नुकसान की जांच की गई, जिसके बाद मुआवजा स्वीकृत कर वितरित किया गया।

कार्यक्रम में उपस्थित लोग

इस मौके पर आनंदपुर रेंजर तरुण कुमार सिंह, फॉरेस्टर आलोक तुबीद, झामुमो नेता संजीव गंताइत, राजू सिंह, पिंटू जैन, आशीष गंताइत, वन विभाग के अधिकारी व कर्मी और प्रभावित ग्रामीण बड़ी संख्या में मौजूद थे।

यह घटना न केवल वन्यजीवों से होने वाले नुकसान की गंभीरता को उजागर करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि सरकार समय पर प्रक्रिया अपनाने पर पीड़ितों को राहत देने को तैयार है।

Also Read: झारखंड व एमपी समेत 12 कोयला खदानों की नीलामी से 20 हजार से ज्यादा को मिलेगा रोजगार, 3300 करोड़ का संभावित राजस्व

Related Articles

Leave a Comment