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JHARKHAND HEALTH NEWS : सरकारी अस्पतालों की कमान अब हॉस्पिटल मैनेजरों के हाथ में, जानें क्या फायदा होगा मरीजों को

by Vivek Sharma
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RANCHI : झारखंड के सरकारी हॉस्पिटलों को प्राइवेट हॉस्पिटलों की तर्ज पर अपग्रेड करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने कमर कस ली है। अब इलाज के लिए आने वाले मरीजों को डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल से लेकर सीएचसी और पीएचसी में भी बेहतर इलाज मुहैया कराया जाएगा। इससे मरीजों को छोटी मोटी बीमारियों के इलाज के लिए कहीं बाहर जाने की जरूरत न पड़ेगी। सरकारी हॉस्पिटलों की व्यवस्था दुरुस्त रखने के लिए मैनेजरों के हाथों में कमान सौंपी जा रही है, जिससे मरीजों को वर्ल्ड क्लास सुविधा घर के पास ही मिल सके।

150 मैनेजर की बहाली

नेशनल हेल्थ मिशन के अभियान निदेशक शशि प्रकाश झा ने बताया कि इलाज के दौरान होने वाली अव्यवस्था, लंबी कतार, दवाओं की कमी और प्रबंधन की समस्याओं को दूर करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने बड़ा कदम उठाया है। राज्य सरकार 150 प्रशिक्षित हॉस्पिटल मैनेजर नियुक्त कर रही है, जो अस्पतालों के प्रबंधन की जिम्मेदारी संभालेंगे। विभाग का मानना है कि जब अस्पताल का संचालन प्रोफेशनल तरीके से होगा, तो मरीजों को गुणवत्तापूर्ण इलाज मिल सकेगा। अगले एक महीने के भीतर सभी 150 मैनेजरों की राज्यभर के अस्पतालों में तैनाती कर दी जाएगी।

क्या होगा हॉस्पिटल मैनेजर का काम

हॉस्पिटल में इन मैनेजरों की जिम्मेदारियां तय होंगी। हॉस्पिटल में आने वाले मरीजों के पहुंचने के साथ इलाज शुरू कराना होगा। ये लोग दवाओं और उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करेंगे। हॉस्पिटल में काम करने वाले विभिन्न विभागों के बीच समन्वय बनाकर समस्याओं का समाधान भी करेंगे।

डॉक्टर और स्टाफ की उपलब्धता पर भी नजर रखेंगे और विभाग को पूरी जानकारी उपलब्ध कराएंगे। अस्पताल की सफाई और सुविधाओं की नियमित समीक्षा के साथ सरकार की आयुष्मान योजना की भी जानकारी मरीजों को देंगे। इसके अलावा मरीजों को एंबुलेंस भी उपलब्ध कराने में सहयोग करेंगे।

सरकारी में प्राइवेट हॉस्पिटल जैसी सुविधा

अभियान निदेशक ने कहा कि सरकारी अस्पतालों की छवि भीड़भाड़, देरी और रेफरल वाली न रहे। विभाग एक ऐसा सिस्टम लागू कर रहा है, जिसमें मरीजों के इलाज को प्राथमिकता दी जाएगी। कुछ महीनों में मरीजों को प्राइवेट अस्पताल जैसी क्वालिटी सर्विस मिलेगी।

विभाग के आंकड़ों के अनुसार, प्रतिदिन लाखों मरीज सरकारी अस्पतालों में इलाज कराते हैं। अधिकतर अस्पतालों में प्रबंधन की कमी के कारण डॉक्टरों पर भी प्रशासनिक काम का दबाव होता है। अब डॉक्टर केवल इलाज करने पर फोकस करेंगे।

सदर रांची में पहले से है हॉस्पिटल मैनेजर

सुपर स्पेशलिटी सदर हॉस्पिटल, रांची में पहले से ही हॉस्पिटल मैनेजर काम कर रहे हैं। इससे मैनपावर से लेकर सफाई व्यवस्था तक दुरुस्त है। इसके अलावा हर फ्लोर पर मरीजों को सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा रही है। अभियान निदेशक ने बताया कि आज सदर हॉस्पिटल, रांची देश में नंबर एक है। इसी तरह की व्यवस्था सभी सरकारी हॉस्पिटलों में दी जाएगी।


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