रांची : भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो झारखंड की ओर से की जा रही शराब घोटाले की जांच के बीच झारखंड सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। राज्य सरकार ने घोटाले के आरोप से खराब हुई उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग की छवि को साफ करने के लिए भारतीय प्रशासनिक सेवा के दो स्वच्छ छवि वाले अधिकारियों का चयन किया है।
राज्य में अब तक आई तमाम सरकारों के समय इन दोनों अधिकारियों की कार्य प्रणाली निर्विवाद रही है। एक तरफ जहां सरकार की ओर से वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अमिताभ कौशल को वाणिज्य कर विभाग के सचिव के साथ ही उत्पाद विभाग के सचिव का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है, वहीं सरायकेला-खरसावां के पूर्व उपायुक्त रवि शंकर शुक्ला को उत्पाद आयुक्त बनाया गया है।
उन्हें झारखंड राज्य बिवरेजेज कॉरपोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक का अतिरिक्त दायित्व भी दिया गया है। राज्य के पूर्व सूचना आयुक्त एवं वरिष्ठ पत्रकार बैजनाथ मिश्र की मानें, तो राज्य सरकार ने यह फैसला बेहद सोच समझ कर लिया है। सरकार को इन दोनों अधिकारियों की ईमानदारी और कर्तव्य निष्ठा पर पूरा भरोसा है। यही कारण है कि कठिन हालात में इन दोनों अधिकारियों को कमान सौंपी गई है।
Jharkhand liquor scam : जानें इन दोनों अधिकारियों और इनकी कार्यप्रणाली के बारे में
डॉ. अमिताभ कौशल :
डॉ. अमिताभ कौशल मूल रूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले यूपीएससी के 2001 बैच के झारखंड कैडर के अधिकारी हैं। उन्होंने एमबीबीएस की पढ़ाई की है। झारखंड के अलग-अलग जिलों में उपायुक्त के रूप में सेवा दे चुके हैं। अमिताभ कौशल खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के सचिव रहे हैं। इसके अलावा निबंधन, भूमि सुधार एवं राजस्व विभाग के सचिव का भी अतिरिक्त प्रभार दिया गया था। अमिताभ कौशल ने पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त रहते हाईकोर्ट के आदेश पर टाटा लीज की 59 सब-लीज भूमि की जांच की थी।
आरोप था कि टाटा स्टील प्रबंधन ने लीज शर्तों का उल्लंघन करते हुए टाटा पावर और न्यूवोको सीमेंट को सब-लीज दे दिया था। इन दोनों कंपनियों पर सब-लीज के रेंट की बकाया राशि के निर्धारण एवं वसूली की प्रक्रिया इन्हीं के कार्यकाल में शुरू हुई। डॉ.अमिताभ कौशल को सूचना प्रौद्योगिकी एवं ई-गवर्नेंस विभाग का सचिव भी बनाया गया था। वह सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के भी सचिव रहे हैं। इससे पहले इन्हें झारखंड सरकार की ओर से योजना एवं वित्त विभाग के सचिव के रूप में बूढ़ा पहाड़ विकास परियोजना के लिए गठित तीन सदस्यीय टीम का अध्यक्ष बनाया गया था। इसके जरिए इलाके में सड़क निर्माण, स्वास्थ्य सुविधाएं, स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था एवं सुरक्षा व्यवस्था पर फोकस करते हुए लागू की जाने वाली योजनाएं तैयार कराई गईं।
रवि शंकर शुक्ला :
रवि शंकर शुक्ला 2012 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। वह राज्य के पांच जिलों में उपायुक्त के तौर पर सेवा दे चुके हैं। हाल ही में उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में प्राइम मिनिस्टर अवॉर्ड फॉर एक्सीलेंस इन पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन 2024 के पुरस्कार से सम्मानित किया था। इससे पहले उन्हें दुमका जिले में लैंड रिकॉर्ड मॉडर्नाइजेशन के लिए राष्ट्रपति से भूमि पुरस्कार प्राप्त हुआ था। वर्ष 2024 में इन्हें राज्यपाल ने नेशनल वोटर डे पर बेहतर सेवा के लिए सम्मानित किया था।
हजारीबाग के उपायुक्त रहते स्वच्छता के लिए किए गए कार्य के लिए शुक्ला को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान प्राप्त हो चुका है। रवि शंकर शुक्ला मूल रूप से उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के रहने वाले हैं। पिता न्यायिक सेवा में रहे हैं। रवि शंकर शुक्ला शायद ऐसे पहले आईएएस अधिकारी हैं, जिन्हें पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास से लेकर हेमंत सोरेन तक ने अपने मुख्यमंत्रित्व काल में बतौर उपायुक्त अपने गृह जिले की कमान सौंपी। इसके अलावा राज्य में पैदा हुए वैधानिक संकट के बीच मुख्यमंत्री बने चम्पाई सोरेन के कार्यकाल के दौरान यह उनके गृह जिले सरायकेला-खरसावां के उपायुक्त रहे। इसके अलावा कोविड-19 महामारी के दौरान स्वास्थ्य विभाग में बतौर निदेशक सेवा दे चुके हैं।