Chaibasa News: पश्चिमी सिंहभूम, झारखंड के गुवा डाकघर में सामने आए करोड़ों रुपये के फर्जी फिक्स्ड डिपॉजिट घोटाले ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए सिंहभूम प्रमंडल रांची के वरीय डाक अधीक्षक उदय भान सिंह सोमवार को खुद गुवा डाकघर पहुंचे और प्रारंभिक जांच की अगुवाई की।
उन्होंने पीड़ित खाताधारकों से मिलकर भरोसा दिलाया कि गबन की गई राशि तीन माह के भीतर विभागीय प्रक्रिया के तहत लौटाई जाएगी। अब तक 10 खाताधारकों के साथ ₹48,81,516 की ठगी की पुष्टि हो चुकी है, लेकिन यह आंकड़ा अंतिम नहीं है। जांच अभी जारी है और राशि और अधिक हो सकती है।
पीड़ितों को न्याय मिलेगा, दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा
वरिष्ठ अधीक्षक ने स्पष्ट किया कि केवल आरोपी को पकड़ना ही उद्देश्य नहीं है, बल्कि प्राथमिकता यह है कि हर पीड़ित को उसकी मेहनत की कमाई लौटाई जाए। उन्होंने मीडिया से कहा कि डाक विभाग पर जनता का भरोसा सबसे अहम है और इसे टूटने नहीं दिया जाएगा।
उदय भान सिंह ने बताया कि क्लेम फॉर्म भरवाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है ताकि खाताधारकों को समय पर मुआवजा मिल सके।
घोटाले का मुख्य आरोपी फरार, जनता में आक्रोश
गुवा डाकघर के तत्कालीन पोस्टमास्टर विकास चंद्र कुईला पर आरोप है कि उसने वर्ष 2021 से 2024 के बीच फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम के नाम पर करोड़ों रुपये की ठगी की और फर्जी पासबुक थमा दी। 20 जून को वह गुवा से चिड़िया डाकघर ट्रांसफर हुआ था लेकिन उसने वहां ज्वाइन नहीं किया और तभी से फरार है।
घोटाले के उजागर होने के बाद से गुवा में अफरातफरी मची है। लोग अपनी पासबुक लेकर डाकघर पहुंच रहे हैं और विभाग की जवाबदेही और पारदर्शिता पर सवाल उठा रहे हैं।
स्थानीय लोगों ने मांग की है कि:
- विकास कुईला को शीघ्र गिरफ्तार किया जाए।
- गबन की गई राशि ब्याज सहित लौटाई जाए।
- डाक विभाग के अन्य जिम्मेदार अधिकारियों की भूमिका की भी जांच हो।
यह घटना यह साबित करती है कि लापरवाही सिर्फ प्राइवेट सेक्टर में नहीं, सरकारी संस्थानों में भी लोगों की गाढ़ी कमाई को खतरा हो सकता है।
अब जबकि वरीय अधीक्षक खुद जांच की कमान संभाल चुके हैं, लोगों को उम्मीद है कि दोषी को सजा मिलेगी और पीड़ितों को न्याय भी।
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