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Jharkhand Bureaucracy News : एक्स’ पर लोग सरकार से पूछ रहे सवाल, आईएएस अधिकारियों को वेटिंग फॉर पोस्टिंग क्योंं

Jharkhand Bureaucracy: 17 जून के अंक में खबर को द फोटोन न्यूज ने प्रमुखता से किया था प्रकाशित। विपक्ष भी इस मामले को लेकर हो गया है मुखर, भाजपा नेताओं ने उठाए सवाल

by Anurag Ranjan
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रांची : झारखंड में 17 आईएएस अधिकारियों के वेटिंग फॉर पोस्टिंग का मामला तूल पकड़ने लगा है। लोग इस मामले में सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर तरह-तरह के पोस्ट कर सरकार से सवाल पूछ रहे हैं। कई लोग इसे शुभ संकेत नहीं मान रहे हैं। लोग सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं। इस बीच इस मुद्दे को लेकर विपक्ष भी मुखर हो गया है। भाजपा के नेताओं ने भी इस पर सवाल उठाए हैं।

बता दें कि ‘17 आईएएस 22 दिनों से वेटिंग फॉर पोस्टिंग’ खबर को द फोटोन न्यूज ने 17 जून के अंक में प्रमुखता से प्रकाशित किया था।

जानें क्या है पूरा मामला

राज्य में करीब 17 आईएएस अधिकारी 22 दिनों से ‘वेटिंग फॉर पोस्टिंग’ हैं। सरकार के कई अहम विभागों में डायरेक्टर नहीं हैं। इसके बावजूद अधिकारियों के बीच दायित्वों का विभाजन नहीं हो रहा है। राज्य सरकार ने गत 26 मई को बड़े पैमाने पर आईएएस अधिकारियों के तबादले किए थे। इसमें एक साथ 20 जिलों के उपायुक्त बदल दिए गए थे। पूर्व से उपायुक्त के रूप में पदस्थापित तीन आईएएस अधिकारियों को नए जिले में पोस्टिंग दे दी गई। वहीं 17 आईएएस अधिकारियों को कार्मिक विभाग में योगदान करने का निर्देश दिया गया। इनकी जगह अलग-अलग विभागों में निदेशक सहित विभिन्न पदों पर अपनी सेवाएं दे रहे अधिकारियों को उपायुक्त बनाकर जिलों में भेज दिया गया। अब तक नई पदस्थापना नहीं होने से संबंधित विभागों में महत्वपूर्ण पद रिक्त पड़े हैं। हालिया अधिसूचना में 2018 बैच तक के आईएएस अधिकारियों तक को उपायुक्त बनाया गया है।

जानें क्या पोस्ट कर रहे लोग

रांची के सामाजिक कार्यकर्ता एवं युवा नेता दयानंद मिश्रा ने इस मामले में अपने सोशल मीडिया अकाउंट ‘एक्स’ पर लिखा है कि ये शुभ संकेत नहीं है मुख्यमंत्री जी, विलंब से ही सही, अब भी जायज अपेक्षाओं के अनुरूप शासन संचालन को दुरुस्त करने की जरूरत है। एक ओर 17 आईएएस वेटिंग फॉर पोस्टिंग हैं, तो दूसरी ओर जूनियर्स जिला चला रहे हैं।

भाजपा नेता अखिलेश कुमार सिंह ने लिखा कि बड़ी लापरवाही या जानबूझकर अव्यवस्था। झारखंड में 17 आईएएस अफसर 22 दिनों से वेटिंग फॉर पोस्टिंग में। सरकार के पास नियुक्ति का समय नहीं और राज्य में विकास का दावा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार न तो प्रशासनिक नियुक्तियों को समय पर कर पा रही है और न विभागों में समन्वय बना पा रही है। जब योग्य अधिकारी बिना पद के बैठे हों और कई विभाग डायरेक्टर रहित हों, तो कैसे चलेगा सुशासन। अफसरों की ताकत को वेटिंग में बर्बाद करना क्या जनहित में है? डीजीपी को शो कॉज और विभागों में अफसरों की कमी-ये कैसा शासन? जनता पूछ रही है, आखिर किस एजेंडे के तहत राज्य को स्थायी प्रशासनिक संकट में झोंका जा रहा है।

अखिलेश सिंह नाम के यूजर ने लिखा कि 17 आईएएस अफसर 22 दिन से बिना पोस्टिंग, कई विभागों में डायरेक्टर नहीं। सरकार की प्रशासनिक लापरवाही चरम पर है। क्या यहीं है सुशासन का नया मॉडल? परेशान, अधिकारी इंतजार में, विभाग बिना नेतृत्व के।

एमकेआरआईनेश नाम के एक यूजर ने पोस्ट किया है कि 17 आईएएस, कार्यपालिका के इन स्तंभों की पोस्टिंग को वेटिंग में डालना न सिर्फ सरकार के प्रति कई नकारात्मकता को जन्म देगा, बल्कि झारखंड सरकार की कार्यपालिका के प्रति अचेत स्वभाव को भी दर्शा रहा है। आयुर्वेदाचार्य डॉ. संपूर्णानंद ने भी अपने सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए सरकार से इस मामले पर संज्ञान लेने की मांग की है।

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