Jamshedpur/Ranchi (Jharkhand) : कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर बुधवार को कोल्हान समेत पूरे झारखंड में श्रद्धा और भक्ति का अनोखा संगम देखने को मिला। कोल्हान प्रमंडव के तीनों जिला पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम और सरायकेला-खरसावां समेत राजधानी रांची व राज्य के अन्य जिलों में भी नदियों में प्रातःकाल से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। सूर्योदय से पहले ही श्रद्धालुओं ने शीतल जल में स्नान कर भगवान विष्णु, भगवान शिव और मां गंगा की आराधना की।
नदी घाटों पर प्रातःकाल ही उमड़े श्रद्धालु
पूर्वी सिंहभूम जिला मुख्यालय जमशेदपुर के दोमुहानी संगम स्थल पर हजारों श्रद्धालु पहुंचे, जहां स्वर्णरेखा और खरकई नदी का मिलन होता है। ब्रह्म मुहूर्त से ही घाटों पर स्नान करने वालों की लंबी कतारें लग गईं। महिलाएं, पुरुष और बच्चे पारंपरिक वस्त्रों में पूजा-पाठ और दीपदान करते नजर आए। डुबकी लगाने के बाद भक्तों ने भगवान विष्णु और शिव की पूजा की तथा तिल, चावल, फल, वस्त्र और अन्न का दान कर पुण्य लाभ किया। माना जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी में स्नान करने से समस्त पापों का नाश होता है और वर्ष भर गंगा स्नान का फल प्राप्त होता है।
दीप प्रवाहित कर की गई सुख-समृद्धि की कामना
पश्चिमी सिंहभूम जिले के गुवा बाजार स्थित कारो नदी तट पर भी श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। तड़के तीन बजे से ही भक्त नदी किनारे पहुंचकर स्नान और पूजा-अर्चना करने लगे। महिलाओं ने केले के पत्तों और कागज से बनी छोटी नावों में दीप जलाकर नदी में प्रवाहित किया और अपने परिवार, समाज और देश की खुशहाली की प्रार्थना की। स्नान के बाद श्रद्धालु कुसुम घाट स्थित शिव मंदिर पहुंचे, जहां उन्होंने कतारबद्ध होकर भगवान शिव को दूध, बेलपत्र और गंगाजल अर्पित किया। मंदिर परिसर “हर हर महादेव” और “जय श्री हरि” के जयघोष से गुंजायमान रहा।
नदी घाटों पर सुरक्षा के इंतजाम
श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था के लिए सभी जिलों में प्रशासन की ओर से घाटों पर विशेष प्रबंध किए गए थे। पुलिस बल और स्वयंसेवकों ने श्रद्धालुओं को दिशा-निर्देश देने, ट्रैफिक नियंत्रण और साफ-सफाई का जिम्मा संभाला था। कई सामाजिक संस्थाओं की ओर से प्रसाद वितरण, पानी और प्राथमिक उपचार की व्यवस्था की गई थी।

