Jamshedpur : झारखंड के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने मंगलवार को जमशेदपुर के सेंट्रल किचन का औचक निरीक्षण किया। यह वही सेंट्रल किचन है जहां से शहर के कई स्कूलों में मिड डे मील भेजा जाता है। शिक्षा मंत्री ने रसोई में बन रहे भोजन की गुणवत्ता और साफ-सफाई का जायजा लिया। उनका यह दौरा खास तौर पर इसलिए अहम माना जा रहा है क्योंकि कुछ ही दिनों पहले चाईबासा में मिड डे मील खाने के बाद एक दर्जन से अधिक बच्चे बीमार पड़ गए थे।सेंट्रल किचेन के निरीक्षण के दौरान शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य है कि प्रत्येक 100 स्कूल पर एक सेंट्रल किचन बनाया जाए ताकि बच्चों को पौष्टिक और सुरक्षित भोजन मिल सके।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जिन स्कूलों में अभी मिड डे मील बनाया जाता है, वहां के रसोइयों की नौकरी नहीं जाएगी। उन्हें वेतन भी मिलेगा, लेकिन उनका कार्य बदल कर सिर्फ सेंट्रल किचन से आया भोजन बच्चों तक पहुंचाने का होगा।शिक्षा मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार अब सेंट्रल किचन के संचालन नियमों में बदलाव करने जा रही है ताकि बच्चों को कुपोषण से बचाया जा सके और उन्हें गुणवत्तापूर्ण भोजन मिले। उन्होंने यह भी जोड़ा कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि विद्यार्थियों को हर हाल में पौष्टिक आहार मिले।
रामदास सोरेन ने यह भी जानकारी दी कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों की एक टीम को हाल ही में पश्चिम बंगाल भेजा गया था। इस टीम ने वहां की शिक्षा व्यवस्था का गहन अध्ययन किया है—खासतौर पर यह कि वहां किस प्रकार बच्चों को पाठ्यपुस्तकें और अन्य शैक्षणिक संसाधन मुहैया कराए जाते हैं।
इस दौरे के आधार पर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की गई है जिसे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सौंपा गया है।उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट के आधार पर झारखंड की शिक्षा व्यवस्था में जल्द ही व्यापक बदलाव किए जाएंगे ताकि इसका सीधा लाभ राज्य के गरीब और वंचित वर्ग के बच्चों को मिल सके।