Chaibasa : पश्चिमी सिंहभूम जिले के सारंडा क्षेत्र में अवैध खनन थमने का नाम नहीं ले रहा है। नोवामुंडी और बड़ाजामदा थाना क्षेत्र में अवैध खनन माफिया धड़ल्ले से जंगलों को उजाड़ कर लौह अयस्क का अवैध परिवहन कर रहे हैं। इस अवैध धंधे का एक ताजा मामला सामने आया है, जिसमें खनन विभाग की कार्रवाई ही सवालों के घेरे में आ गई है।
अवैध लौह अयस्क लदे ट्रिप ट्रेलर हुए जब्त
जानकारी के अनुसार, जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र में अवैध रूप से लौह अयस्क (आयरन ओर) से लदे दो ट्रिप ट्रेलर को बिना किसी वैध कागजात के टाटा की ओर भेजा जा रहा था। गुप्त सूचना मिलने पर खनन विभाग ने जांच शुरू की और इन दोनों ट्रिप ट्रेलर को रोक लिया। चालकों से जब कागजात मांगे गए, तो वे कोई भी वैध दस्तावेज नहीं दिखा पाए और उन्होंने यह स्वीकार किया कि यह लौह अयस्क बड़ाजामदा के प्लॉट से लाया गया है।
इसके बाद, खनन विभाग ने दोनों ट्रिप ट्रेलर (नंबर OD 09Z 1211 और OD 09Z 1611) को अवैध आयरन ओर (फाइन) से लदा हुआ मानकर जब्त कर लिया और कार्रवाई के लिए जगन्नाथपुर पुलिस को सौंप दिया।
‘लिखित दें तभी छोड़ेंगे’: पुलिस
मामला उस वक्त एक नया मोड़ ले लेता है, जब जगन्नाथपुर थाना प्रभारी ने बताया कि खनन विभाग ने दोनों गाड़ियों को पकड़वा तो दिया है, लेकिन अब बिना किसी लिखित आदेश के ही विभाग के अधिकारी इन गाड़ियों को छोड़ देने के लिए कह रहे हैं। थाना प्रभारी ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक खनन विभाग दोनों ट्रिप ट्रेलर को छोड़ने के लिए लिखित आदेश नहीं देता, तब तक पुलिस गाड़ियां नहीं छोड़ेगी। दूसरी ओर, खनन विभाग जब्त किए गए आयरन ओर का लिखित पेपर देने से बच रहा है।
इस पूरे मामले पर सवाल उठने लगे हैं कि आखिर खनन विभाग खुद अपनी कार्रवाई को पलटने की कोशिश क्यों कर रहा है? जब इस मामले में जिला खनन पदाधिकारी से फोन पर संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने केवल इतना ही कहा कि वे अभी रांची में हैं। यह पूरा मामला बड़े पैमाने पर अवैध खनन, भ्रष्टाचार और मिलीभगत की ओर इशारा कर रहा है, जिसकी विस्तृत जांच होना बेहद जरूरी है।