रांची / जमशेदपुर: मकर संक्रांति की दस्तक के साथ ही झारखंड के रांची, जमशेदपुर, हजारीबाग सहित अन्य जिलों में तिलकुट की खुशबू बाजारों में फैल गई है। ठंड के इस मौसम में तिलकुट की मांग अपने चरम पर है।
बिहार से आए कुशल कारीगरों की सहायता से यहां बड़े पैमाने पर तिलकुट तैयार किया जा रहा है। दुकानों और बाजारों में तिलकुट बनते हुए देखना एक अद्भुत अनुभव है। संक्रांति के पारंपरिक भोजन चूड़ा-दही के साथ तिल खाने की परंपरा को निभाने के लिए लोग तिलकुट की खरीदारी में जुटे हैं।
तिलकुट की कीमत और विकल्प
व्यापारियों के अनुसार, इस बार तिलकुट की कीमत 175 रुपये से लेकर 500 रुपये प्रति किलो तक है। हर साल की तरह इस बार भी शुगर के मरीजों के लिए शुगर-फ्री तिलकुट उपलब्ध कराया गया है। इसके अलावा बादाम पट्टी और बादाम लड्डू भी ग्राहकों के बीच लोकप्रिय हैं।
थोक और खुदरा व्यापार की सुविधा
झारखंड के विभिन्न बाजारों में तिलकुट का व्यापार थोक और खुदरा दोनों रूपों में किया जा रहा है। यहां की दुकानों से न केवल स्थानीय ग्राहकों बल्कि आसपास के क्षेत्रों में भी तिलकुट की आपूर्ति की जाती है।
परंपरा और स्वाद का संगम
मकर संक्रांति के इस अवसर पर तिलकुट की खुशबू और स्वाद झारखंड की समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा को जीवंत बनाते हैं। हर दुकान पर ग्राहकों की भीड़ और तिलकुट की मिठास के साथ त्योहार की उमंग और भी बढ़ जाती है।