चाईबासा, 3 मई: पश्चिम सिंहभूम जिले के घने जंगलों के बीच एक ऐतिहासिक पहल ने आकार लिया है। जुलाई 2024 में झारखंड का पहला नेचर इंटरप्रिटेशन सेंटर (NIC) चाईबासा में उद्घाटित किया गया, जो न केवल राज्य के लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक अनूठी उपलब्धि है। यह परियोजना झारखंड सरकार के वन विभाग, टाटा स्टील लिमिटेड – ओएमक्यू डिवीजन, और सेंटर फॉर एनवायरनमेंट एक्सीलेंस (CEE) के संयुक्त प्रयासों का परिणाम है।
यह केंद्र केवल एक भवन नहीं, बल्कि पर्यावरणीय शिक्षा, जैव विविधता संरक्षण और सतत विकास को बढ़ावा देने वाला एक व्यापक मंच है। लगभग 5,000 वर्ग फीट में फैला यह सेंटर 2022 में रखी गई नींव के साथ यह सोच लेकर शुरू किया गया था कि लोगों को झारखंड की समृद्ध वनस्पति, जीव-जंतुओं और सांस्कृतिक धरोहर से गहराई से जोड़ना है।
सात थीम पर आधारित केंद्र
नेचर इंटरप्रिटेशन सेंटर में सात विशेष अनुभाग बनाए गए हैं, जिनमें प्रत्येक एक विशेष विषय को समर्पित है:
- भारत के जैव-भौगोलिक क्षेत्र
- झारखंड की जैव विविधता
- हाथियों का विज्ञान
- झारखंड की विरासत
- झारखंड की संस्कृति
- पर्यावरणीय चुनौतियाँ और समाधान
- संरक्षण – ‘अब करें कार्य’
इन अनुभागों में जीवन-आकार के वन्यजीवों और पौधों के मॉडल, इंटरएक्टिव टचस्क्रीन पैनल्स और 3डी विज़ुअल्स के ज़रिए जानकारियों को रोचक और प्रभावशाली तरीके से प्रस्तुत किया गया है। यह सेंटर सभी आयु वर्ग के लोगों के लिए ज्ञानवर्धक और प्रेरणादायक अनुभव प्रदान करता है।
शिक्षा और जागरूकता का केंद्र बनेगा NIC
यह केंद्र न केवल छात्रों और शोधार्थियों के लिए उपयोगी सिद्ध होगा, बल्कि आम नागरिकों के लिए भी प्रकृति के साथ जुड़ने और पर्यावरण संरक्षण की समझ विकसित करने का एक सशक्त माध्यम बनेगा।
राज्य सरकार और साझेदार संस्थाओं का यह कदम झारखंड में पर्यावरणीय जागरूकता के क्षेत्र में एक नई दिशा प्रदान करता है और यह आशा की जाती है कि यह केंद्र आने वाले समय में देशभर के पर्यावरण शिक्षा केंद्रों के लिए एक मॉडल के रूप में स्थापित होगा।