रांची: झारखंड लोक सेवा आयोग (JPSC) द्वारा 11वीं से 13वीं सिविल सेवा मुख्य परीक्षा का परिणाम जारी होने के बाद एक बार फिर विवाद खड़ा हो गया है। आयोग ने पिछले दिनों कुल 864 अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के लिए सफल घोषित किया है। लेकिन छात्र संगठन और कई अभ्यर्थियों ने इस परिणाम पर आपत्ति जताई हैं। रविवार को मोरहाबादी में छात्र संगठनों ने इसे लेकर प्रेस कांफ्रेंस की। इस मुद्दे को लेकर छात्र संगठनों में फिर से आक्रोश बढ़ता जा रहा है। संगठनों ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि अगर आयोग ने जल्द ही इस पर स्पष्टीकरण नहीं दिया तो वे एक बार फिर सड़कों पर उतरेंगे और जोरदार आंदोलन करेंगे। इसके साथ ही उन्होंने हाईकोर्ट का रुख करने की भी बात कही है।
परिणाम जारी करने को लेकर आंदोलन
पूर्व में इन संगठनों ने परिणाम जारी करने की मांग को लेकर राजभवन तक आंदोलन किया था। भूख हड़ताल पर भी बैठे थे। अब वही संगठन इस बार घोषित परिणाम में आरक्षण प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर रहे हैं। छात्रों का आरोप है कि आरक्षण का सही तरीके से पालन नहीं किया गया और कई योग्य अभ्यर्थियों को जानबूझकर बाहर कर दिया गया है। नेताओं का कहना है कि आयोग की प्रक्रिया में लगातार अनियमितताएं देखने को मिल रही हैं और यह युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। उनका यह भी दावा है कि आयोग द्वारा आरक्षण रोस्टर का पालन नहीं किया गया और पारदर्शी प्रक्रिया के अभाव में कई मेधावी छात्रों को नुकसान हुआ है।