जमशेदपुर : स्थानीय एक्सएलआरआई में शुक्रवार को जेआरडी टाटा बिजनेस एथिक्स लेक्चर सीरीज के अंतर्गत 32वें वार्षिक व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस वर्ष के व्याख्यान में मुख्य अतिथि के रूप में टाटा समूह के सलाहकार और निदेशक हरीश भट ने शिरकत की। उन्होंने “सही काम करना : रतन टाटा की विरासत” विषय पर अपने विचार साझा किए।
रतन टाटा : नैतिकता और मूल्य आधारित नेतृत्व के प्रतीक
हरीश भट ने अपने व्याख्यान में रतन टाटा की नैतिकता और प्रतिबद्धता को उजागर किया। उन्होंने कहा, “रतन टाटा हमेशा अपने कड़े फैसलों और ‘नेशन फर्स्ट’ के सिद्धांत के लिए जाने जाते हैं। वह अपने वादे निभाने में कभी पीछे नहीं हटते, भले ही इसके लिए आर्थिक नुकसान क्यों न सहना पड़े।”
टाटा फाइनेंस फ्रॉड : ग्राहकों की सुरक्षा बनी प्राथमिकता
वर्ष 2000 में टाटा फाइनेंस में 500 करोड़ रुपये का फ्रॉड हुआ, जिससे ग्राहकों में अपने पैसे डूबने का डर बढ़ गया। इस मामले पर बोर्ड मीटिंग में चर्चा के दौरान, रतन टाटा ने निडरता से घोषणा की, “टाटा फाइनेंस में फ्रॉड हुआ है, लेकिन ग्राहकों को घबराने की जरूरत नहीं है। उनकी मेहनत की एक-एक पाई टाटा ग्रुप वापस करेगा।” इसके बाद, टाटा समूह ने 600 करोड़ रुपये खर्च कर सभी ग्राहकों के पैसे वापस किए। यह कदम उनकी नैतिक प्रतिबद्धता का एक प्रमुख उदाहरण है।
नैनो कार : वादे से बढ़कर कोई कीमत नहीं
रतन टाटा ने नैनो कार को एक लाख रुपये में लॉन्च करने का वादा किया था। हालांकि, प्लांट को पश्चिम बंगाल से गुजरात स्थानांतरित करना पड़ा, और प्रोजेक्ट में देरी के कारण उत्पादन लागत बढ़ गई। इसके बावजूद, रतन टाटा ने नैनो की कीमत नहीं बढ़ाई और ग्राहकों से किया वादा पूरा किया।
टाटा इंडिका : इंजीनियरिंग चुनौतियों का डटकर सामना
जब टाटा इंडिका लॉन्च हुई, तो शुरुआत में इसमें कई तकनीकी दिक्कतें सामने आईं। इसके बावजूद, रतन टाटा ने इन चुनौतियों का समाधान किया और कार को री-लॉन्च कर ग्राहकों का भरोसा बनाए रखा। यह उनके ग्राहकों के प्रति समर्पण और दृढ़ता का प्रतीक है।
रतन टाटा : नैतिकता की परिभाषा
हरीश भट ने व्याख्यान के दौरान कहा, “रतन टाटा का भारत और भारतीय जनता के प्रति कमिटमेंट ही उन्हें ‘रतन’ बनाता है।” उनके हर निर्णय में नैतिकता और देशहित सर्वोपरि रहा।
कार्यक्रम में विद्यार्थियों की भागीदारी
इससे पूर्व कार्यक्रम के आरंभ में एक्सएलआरआई के निदेशक फादर एस जॉर्ज ने स्वागत भाषण दिया। व्याख्यान के दौरान बिजनेस मैनेजमेंट (बीएम), एचआर, और जीएमपी के विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया और रतन टाटा के जीवन मूल्यों से प्रेरणा प्राप्त की।