

Jamshedpur News : जमशेदपुर में जुगसलाई चौक बाजार में मंगलवार को एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया, जब दोपहर करीब तीन बजे सौ साल पुरानी दो जर्जर इमारतें भरभराकर गिर गईं। ये इमारतें सत्यनारायण मंदिर से सटी हुई थीं और वर्षों से खाली पड़ी थीं। इन भवनों का संबंध लूणकरण भार्तिया और हरसहाय महाराज के पुश्तैनी परिवारों से था, जिनमें लंबे समय से संपत्ति विवाद चल रहा था।

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, अचानक तेज आवाज के साथ दोनों इमारतें गिर गईं। गनीमत रही कि उस समय वहां कोई मौजूद नहीं था, जिससे किसी की जान नहीं गई। हालांकि मलबा गिरने से पास स्थित सत्यनारायण मंदिर की छत और दीवारों को भारी नुकसान पहुंचा है। मंदिर की छत में दरारें आ गई हैं और दीवारें कमजोर हो गई हैं।

स्थानीय नागरिकों ने बताया कि उन्होंने कई बार जुगसलाई नगर पर्षद को इस विषय में शिकायत की थी, लेकिन अधिकारियों ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। लोगों का कहना है कि अगर समय रहते इन खतरनाक इमारतों को गिरा दिया गया होता, तो मंदिर को बचाया जा सकता था।

इस घटना से जनता में आक्रोश साफ दिखाई दिया जब चौक बाजार के दुकानदारों और स्थानीय निवासियों ने नगर पर्षद की लापरवाही पर सवाल उठाए। सभी ने एक स्वर में नगर परिषद पर लापरवाही का आरोप लगाया। सत्यनारायण मंदिर कमेटी ने प्रशासन से मांग की है कि मंदिर की मरम्मत के लिए आर्थिक सहायता दी जाए और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए सभी जर्जर इमारतों की सूची बनाकर उन्हें तुरंत हटाया जाए।
हालांकि इस गंभीर घटना के बाद भी देर शाम तक जिला प्रशासन या जुगसलाई नगर पर्षद की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई थी, जिससे लोगों का गुस्सा और भी बढ़ गया है। यह घटना एक बार फिर प्रशासनिक उदासीनता और बुनियादी सुरक्षा उपायों की अनदेखी को उजागर करती है।
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