रांची। झारखंड के गांडेय से विधायक और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन को इस साल अप्रैल में होने वाले सम्मेलन के दौरान पार्टी का उपाध्यक्ष नियुक्त किए जाने की संभावना है। साथ ही, कल्पना को संगठन को मजबूत करने की जिम्मेदारी भी सौंपी जा सकती है।
सम्मेलन में कई राज्यों के प्रतिनिधि होंगे शामिल
यह सम्मेलन विधानसभा चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा की उल्लेखनीय जीत का प्रतीक होगा। झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में झारखंड मुक्ति मोर्चा ने 34 सीटें जीती थीं। पार्टी के एक पदाधिकारी ने बताया कि इस बार भी सम्मेलन में बिहार, असम, ओडिशा, बंगाल, छत्तीसगढ़ और तमिलनाडु के प्रतिनिधि शामिल होंगे।
इस बार बड़े पैमाने पर आयोजित किया जाएगा सम्मेलन
2021 में झामुमो का पिछला सम्मेलन COVID-19 महामारी के कारण सरल तरीके से आयोजित किया गया था। हालांकि, इस साल अन्य राज्यों में भी पार्टी के प्रभाव को बढ़ाने के लिए इसे बड़े पैमाने पर आयोजित किया जाएगा। हालांकि अभी यह तय नहीं हुआ है कि सम्मेलन रांची में होगा या दुमका में। एक स्टार प्रचारक के रूप में, कल्पना सोरेन ने झारखंड में विधानसभा चुनावों के दौरान 100 से अधिक रैलियों को संबोधित किया था, जिसे झारखंड में इंडिया ब्लॉक की जीत बड़ा कारण माना जाता है।
पहले ही खुद को साबित चुकी हैं कल्पना सोरेन
पार्टी के पदाधिकारी ने कहा, ‘उन्होंने लोकसभा और विधानसभा चुनावों के दौरान शानदार जीत दर्ज करने में पार्टी की मदद करके पहले ही खुद को साबित कर दिया है। कल्पना सोरेन पार्टी में अहम जिम्मेदारी की हकदार हैं। इसलिए, पार्टी उन्हें संगठन को मजबूत करने की जिम्मेदारी देने पर विचार कर रही है।’ इससे पहले, कल्पना सोरेन को विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो द्वारा महिला एवं बाल विकास समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था।
झारखंड विधानसभा की प्रक्रिया और कार्य नियमों के तहत विभिन्न समितियों का गठन किया गया था। विधानसभा अध्यक्ष द्वारा विधानसभा की 25 से अधिक समितियों का भी पुनर्गठन किया गया। विशेष रूप से, कल्पना सोरेन को 17 मार्च, 2024 को पहली बार ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के समापन समारोह के दौरान झामुमो के नेता के रूप में पेश किया गया था।
पार्टी में बढ़ा कद
उन्होंने नारा दिया – झारखंड झुकेगा नहीं – भारत रुकेगा नहीं। सक्रिय राजनीति में प्रवेश की घोषणा करने के बाद, कल्पना ने गांडेय सीट से उपचुनाव लड़ा और बाद में विधानसभा चुनावों के दौरान सीट बरकरार रखी। कहा जाता है कि वह पार्टी में लगभग सभी महत्वपूर्ण फैसले लेती रही हैं। इससे उनका पार्टी में कद बढ़ गया है।