

RANCHI: डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय (अमर शहीद वीर बुधु भगत विश्वविद्यालय) के परिसर में आदिवासी छात्र संघ द्वारा करम परब की पूर्व संध्या को पारंपरिक उत्साह के साथ मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक वेश-भूषा में सजे हजारों छात्र-छात्राओं की सांस्कृतिक रैली से हुई, जो ढोल-नगाड़े की थाप पर अखड़ा तक पहुंची। वहां करम परब के पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ सांस्कृतिक आयोजन हुआ। करम परब आदिवासी समाज का प्रकृति से जुड़ा प्रमुख त्योहार है, जिसे भाई-बहन के रिश्ते के प्रतीक पर्व के रूप में भी मनाया जाता है। मौके पर केंद्रीय सरना समिति के अजय तिर्की, मूल निवासी चिंतक द्वारिका दास समेत कई प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता और हजारों छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

करम परब हमारी सांस्कृतिक पहचान
आदिवासी छात्र संघ के अध्यक्ष संजय महली ने इस अवसर पर कहा कि करम परब हमारी सांस्कृतिक पहचान है और यह पर्व हमारे प्रकृति प्रेम, एकता और भाईचारे का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि आदिवासी छात्र संघ के संघर्ष का ही परिणाम है कि विश्वविद्यालय का नाम बदलकर वीर बुधु भगत के नाम पर रखा गया। उन्होंने यह भी कहा कि आदिवासी छात्र संघ आगे भी अपनी संस्कृति, हक और अधिकार की रक्षा के लिए सजग रहेगा। विश्वविद्यालय की कमियों को प्रशासन तक पहुंचाकर समाधान की दिशा में प्रयास किए जाएंगे।

