Ranchi : झारखंड के बहुचर्चित शराब घोटाला मामले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने एक बार फिर पूर्वी जमशेदपुर के उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी को तलब किया है। गुरुवार को समन जारी कर उन्हें पूछताछ में शामिल होने का निर्देश दिया गया था। उल्लेखनीय है कि एसीबी ने अपने समन में स्पष्ट लिखा है कि यदि वह पूछताछ में शामिल नहीं होते, तो उनकी गिरफ्तारी की कार्रवाई की जा सकती है। इसके बाद वह शाम लगभग साढ़े चार बजे एसीबी कार्यालय पहुंचे, जहां उनसे पूछताछ की गयी। एसीबी इससे पहले भी कर्ण सत्यार्थी से दो दौर की पूछताछ कर चुकी है, परंतु जांच एजेंसी को कई महत्वपूर्ण सवालों के उत्तर अब तक नहीं मिल सके हैं। इस कारण उन्हें तीसरी बार बुलाया गया।
विजन और मार्शन कंपनियों की संदिग्ध बैंक गारंटी पर घिरी जांच
शराब घोटाले की जांच के दौरान यह तथ्य सामने आया कि कर्ण सत्यार्थी के उत्पाद आयुक्त रहने के समय विजन और मार्शन नामक कंपनियों में से एक द्वारा जमा की गई बैंक गारंटी संदिग्ध पाई गई थी। इसी सिलसिले में उनसे दो दिनों तक विस्तृत पूछताछ की गयी। एसीबी यह जानना चाहती है कि बैंक गारंटी के सत्यापन और अनुमोदन की प्रक्रिया में किन परिस्थितियों में चूक हुई।
एसीबी के मुख्य सवाल
पूछताछ के दौरान एसीबी ने कर्ण सत्यार्थी के सामने कुछ अहम प्रश्न रखे –
कंपनी की बैंक गारंटी फर्जी होने की जानकारी उन्हें कब और किस माध्यम से मिली?
क्या उन्होंने बैंक गारंटी की वैधता जांंचने की आवश्यक प्रक्रिया अपनाई थी?
जब यह शक उत्पन्न हुआ कि गारंटी असली नहीं हो सकती, तब उन्होंने कौन-से कदम उठाए?
यदि उस समय उन्हें इसकी जानकारी नहीं हुई, तो आवश्यक सतर्कता क्यों नहीं बरती गई?
सूत्रों के अनुसार, एसीबी को इन सवालों के स्पष्ट और संतोषजनक उत्तर प्राप्त नहीं हो सके हैं। इसी वजह से कर्ण सत्यार्थी की पूछताछ का दायरा और बढ़ाया गया है।
जांच एजेंसी अब इस मामले से जुड़े दस्तावेज़, वित्तीय लेन-देन और निर्णय प्रक्रिया से संबंधित कई पहलुओं की गहन पड़ताल कर रही है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में कुछ और अधिकारियों और संबंधित लोगों को भी तलब किया जा सकता है।
Read Also: शराब घोटाले में नया मोड़ : विनय चौबे के ससुर–साले को भी ACB ने पूछताछ के लिए बुलाया

