देहरादून : उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के गौरीकुंड क्षेत्र में रविवार सुबह एक भयानक हेलीकॉप्टर हादसा हुआ। केदारनाथ से फाटा लौट रहा हेलिकॉप्टर सुबह 5.30 बजे के आसपास खराब मौसम के कारण गौरी माई खर्क के ऊपर जंगल में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हादसे में हेलीकॉप्टर में सवार सभी सात लोगों की मौत हो गई।
मृतकों में 23 महीने का मासूम भी शामिल
हादसे में जयसवाल परिवार के तीन सदस्य, एक दंपती और उनका 23 महीने का बेटा काशी जयसवाल भी दुर्घटना का शिकार हो गया। मृतकों की पहचान इस प्रकार हुई है…
राजकुमार जयसवाल
श्रद्धा जयसवाल
काशी जयसवाल (23 माह)
तुष्टि सिंह
विनोद नेगी (स्थानीय निवासी)
विक्रम सिंह रावत (बीकेटीसी कर्मचारी)
कैप्टन राजीव (हेलिकॉप्टर पायलट)
हेलीकॉप्टर क्रैश की पुष्टि, शव बुरी तरह से जले
हेलीकॉप्टर के नोडल अधिकारी राहुल चौबे और जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने दुर्घटना की पुष्टि की है। हादसे की जानकारी घास काट रही नेपाली मूल की महिलाओं द्वारा दी गई। घटनास्थल से शव बुरी तरह से जले हुए हालत में मिले हैं। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें राहत कार्यों में जुटी हुई हैं।
सात जून को हुई थी इमरजेंसी लैंडिंग
इससे पहले 7 जून को क्रिस्टल कंपनी का एक हेलीकॉप्टर भी बडासू हेलीपैड से उड़ान भरने के तुरंत बाद तकनीकी खराबी के कारण रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे पर आपात लैंडिंग करने को मजबूर हुआ था। पायलट को मामूली चोटें आई थीं, जबकि सभी यात्री सुरक्षित थे। इस दुर्घटना में हेलीकॉप्टर की टेल और ब्लेड क्षतिग्रस्त हो गए थे।
उत्तरकाशी में 8 मई को भी हुआ था हेलीकॉप्टर हादसा
8 मई 2025 को उत्तरकाशी जिले के गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक और हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इसमें पायलट समेत छह यात्रियों की मौत हुई थी, जबकि एक यात्री घायल हुआ था। हेलीकॉप्टर एयरोट्रांस कंपनी का था, जो सहस्त्रधारा हेलीपैड से हर्षिल के लिए रवाना हुआ था।
जांच और सुरक्षा मानकों पर उठे सवाल
लगातार हो रही हेलीकॉप्टर दुर्घटनाओं ने चारधाम यात्रा के दौरान हवाई सेवाओं की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। विमानन नियामकों और राज्य सरकार से जांच की मांग की जा रही है। अब तक हुई घटनाओं में मौसम, तकनीकी खराबी और खराब प्रबंधन जैसी वजहें सामने आई हैं।