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केजरीवाल का बड़ा दांव: आप के सत्ता में आने पर दिल्ली के जाट समुदाय को मिलेगा आरक्षण

by Rakesh Pandey
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नई दिल्ली: दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को एक महत्वपूर्ण मुद्दे पर अपनी बात रखी। उन्होंने दिल्ली के जाट समुदाय को आरक्षण दिए जाने की मांग उठाई और इसे बीजेपी सरकार द्वारा की गई उपेक्षा करार दिया। केजरीवाल ने आरोप लगाया कि दिल्ली के जाट समाज को पिछले दस सालों से बीजेपी की सरकार ने धोखा दिया है और चुनावों के दौरान ही उनकी याद आती है।

दिल्ली के जाट समाज के साथ भेदभाव

केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के जाट समुदाय को न तो केंद्र सरकार के किसी कॉलेज, विश्वविद्यालय या संस्था में आरक्षण मिलता है, और न ही उन्हें अन्य सुविधाएं मिलती हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जबकि राजस्थान में जाट समाज को आरक्षण मिलता है, वहीं दिल्ली के जाटों को यह अधिकार क्यों नहीं मिल रहा। दिल्ली में ओबीसी की सूची में कई ऐसी जातियां हैं, जो केंद्र की ओबीसी सूची में शामिल नहीं हैं और इसके कारण दिल्ली के जाट समाज के बच्चों को भी कई बार शिक्षा के अवसर नहीं मिल पाते।

प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से सवाल

केजरीवाल ने सवाल उठाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को दिल्ली के जाट समाज की याद क्यों चुनावों के समय आती है, जबकि उन्होंने पहले कभी इस समुदाय के मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया। केजरीवाल ने यह भी कहा कि 2015 में जाट समाज के नेताओं को अमित शाह ने वादा किया था कि दिल्ली के जाटों को ओबीसी की सूची में शामिल किया जाएगा, लेकिन ऐसा अब तक नहीं हुआ है।

केजरीवाल का जाटों के लिए नया वादा

अरविंद केजरीवाल ने इस मुद्दे पर अपनी प्रतिबद्धता को स्पष्ट करते हुए कहा कि यदि उनकी पार्टी दिल्ली में सत्ता में आती है, तो वह जाट समाज को ओबीसी की सूची में शामिल करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। इसके साथ ही, उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से एक पत्र भी लिखा है, जिसमें दिल्ली के जाटों को ओबीसी की सूची में शामिल करने की मांग की गई है। उन्होंने पत्र में लिखा कि केंद्र सरकार ने पिछले दस सालों में जाट समाज को आरक्षण देने का वादा किया था, लेकिन अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया।

केजरीवाल की चुनावी रणनीति

इस मौके पर केजरीवाल ने अपनी चुनावी रणनीति का भी खुलासा किया। उन्होंने ऐलान किया कि इस बार वह एक ही सीट से चुनाव लड़ेंगे। इसके अलावा, उन्होंने बताया कि उनकी आज दोपहर तीन बजे चुनाव आयोग के साथ मीटिंग भी होगी, जिसमें वह अपनी पार्टी के चुनावी फैसलों पर चर्चा करेंगे।

जाट समाज के बच्चों को शिक्षा का अधिकार

केजरीवाल ने यह भी कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय में आरक्षण का लाभ राजस्थान के जाट समाज को मिलता है, लेकिन दिल्ली के जाट समाज के बच्चों को यह अवसर क्यों नहीं मिल पा रहा है? दिल्ली के जाटों को केंद्र की ओबीसी सूची में न होने के कारण दिल्ली विश्वविद्यालय में दाखिला लेने में कई समस्याएं आ रही हैं, जिससे उन्हें शिक्षा के बराबरी के अवसर नहीं मिल रहे।

केजरीवाल का आक्रामक बयान

केजरीवाल ने कहा, “बीजेपी सरकार ने दिल्ली के जाट समाज के साथ बार-बार धोखा किया है। अब समय आ गया है कि इस समुदाय को न्याय मिले। हम दिल्ली के जाटों के लिए आरक्षण की लड़ाई लड़ेंगे और उन्हें ओबीसी सूची में शामिल कराएंगे।”

जाट समाज की राजनीतिक स्थिति

दिल्ली में जाट समाज की एक महत्वपूर्ण राजनीतिक स्थिति है, और उनकी आकांक्षाओं को ध्यान में रखते हुए केजरीवाल ने इस मुद्दे को उठाया है। इस मुद्दे पर उन्होंने दिल्लीवासियों से समर्थन की अपील की है और कहा है कि अब समय आ गया है जब जाट समाज को उनके हक मिलें।

संभावित राजनीतिक परिणाम

इस बयान के बाद, यह माना जा रहा है कि केजरीवाल की यह रणनीति आगामी चुनावों में दिल्ली के जाट समाज के वोट बैंक को आकर्षित कर सकती है। इसके अलावा, यह बीजेपी और अन्य पार्टियों के लिए भी एक चुनौती हो सकता है, जो जाट समुदाय के आरक्षण के मुद्दे पर अब तक चुप्पी साधे हुए हैं।

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