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बंगाल, यूपी व बिहार से आ रहा खोवा-मावा, विभाग ने की छापेमारी, आप भी रहें सतर्क

by Rakesh Pandey
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हेल्थ डेस्क, जमशेदपुर : दीपावली के मौके पर हर साल मिठाई का कारोबार बढ़ जाता है। ऐसे में अधिक से अधिक मुनाफा कमाने के लिए व्यापारी मिलावट करने से बाज नहीं आते। इसे देखते हुए फूड विभाग की सक्रिय हो गया है। बुधवार को झारखंड के जमशेदपुर के विभिन्न क्षेत्रों में छापेमारी की गई। इस दौरान पेड़ा, काजू, रसगुल्ला से लेकर अन्य खाद्य-पदार्थों के नमूने जब्त किए गए। छापेमारी टीम ने दुकानों में साफ-सफाई पर भी विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए हैं।

इन होटलों में हुई छापेमारी

फूड इंस्पेक्टर मंजर हुसैन के नेतृत्व में टीम सबसे पहले जमशेदपुर के बिष्टुपुर क्षेत्र में पहुंची। यहां पर प्रभुजी प्योर फूड से मिठाई का नमूना लिया गया। वहीं, बिष्टुपुर के महाराष्ट्रा भगनी समाज भोजनालय की भी जांच की गई। इसके बाद बिरसानगर का श्रीभोग व छोटा गोविंदपुर का मिष्टी भोग से रसगुल्ला, पेड़ा, काजू बर्फी, सोनपापड़ी, खीरकदम और लड्डू का नमूना लिया गया।

जबकि जुगसलाई के विनोद झोपड़ी होटल व भूख-प्यास होटल से भी नमूना लिया गया। वहीं, कदमा के मोती महल से फूड हैंडलर्स की वार्षिक मेडिकल रिपोर्ट और पानी की गुणवत्ता की जांच प्रत्येक वर्ष कराने का निर्देश दिया गया। विनोद झोपड़ी होटल के किचन में गंदगी पाई जाने पर सफाई रखने के निर्देश दिए गए।

15 दिन में आएगी जांच रिपोर्ट

फूड इंस्पेक्टर मंजर हुसैन ने बताया कि सभी नमूना को जांच के लिए रांची लैब भेजा गया है। वहां से जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि 15 दिनों के अंदर रिपोर्ट आ जाएगी। इसे लेकर वरीय अधिकारियों से बातचीत हुई है। रिपोर्ट में अगर मिलावट सामने आएगी तो उसके आधार पर सख्त कार्रवाई होगी। जांच टीम में सहायक नरेश प्रसाद व श्रीराम शामिल थे।

न्यू छप्पन भोग से लेकर नावल्टी में मिलावट की पुष्टि

अभी हाल ही में आई रिपोर्ट में शहर के बड़े-बड़े होटलों के खाद्य पदार्थों में मिलावट की पुष्टि हुई है। इसमें न्यू छप्पन भोग से लेकर नावल्टी, सागर स्वीट्स, साकची टैंक रोड स्थित गो डेयरी, अमूल शापी का नाम शामिल है। ऐसे में किसी पर भरोसा नहीं किया जा सकता। अगर आप किसी होटल या फिर दुकान से खाद्य-पदार्थों की खरीदारी करते हैं तो शुद्धता की गारंटी किसी के पास नहीं है।

बिहार, बंगाल व यूपी से आता पनीर व खोवा

दीपावली में मिठाइयों का कारोबार बूम पर रहता है। ऐसे में व्यापारी पनीर, खोवा व मावा बंगाल, बिहार व यूपी से मंगाते हैं। बस व ट्रेन के जरिए ये खाद्य-पदार्थ आते हैं लेकिन शहर में इसकी जांच की कोई व्यवस्था नहीं है। सीधे व्यापारी इसे खरीदते हैं और मिठाई बनाना शुरू करते हैं। हालांकि, पूर्व में कई बार दूसरे राज्यों से आने वाले पनीर, खोवा की जांच हुई है, जिसमें मिलावट की पुष्टि हो चुकी है।

इस तरह करें मिलावट की पहचान

– मिठाई में कलर की मिलावट खूब की जाती है। ऐसे में अगर आप मिठाई खरीदने जाएं तो सबसे पहले कलर वाली मिठाई को हाथ में लेकर चेक करें। अगर हाथ में रंग नहीं लग रहा तो समझ लें कि मिलावट नहीं है। वहीं, रंग छूटकर हाथ में लग जाए तो यह मिलावट की निशानी है।

– मावा में सबसे ज्यादा मिलावट की जाती है। इसकी पहचान करने के लिए फिल्टर पर आयोडीन की 2 ड्रॉप डालें। अगर रंग काला हो जाए तो इसमें मिलावटी समझें।

– अगर खोवा बहुत दानेदार है तो समझ लें कि इसमें मिलावट हो सकती है। शुद्ध खोवा एकदम चिकना होता है।
– मिठाई पर लगे चांदी के वर्क में मिलावट की जाती है। आप वर्क को जलाकर चेक कर लें। असली वर्क जलने पर छोटी गोली की तरह बन जाएगा और नकली वर्क ग्रे कलर का जला हुआ कागज जैसा हो जाएगा।
– मिठाई खरीदने से पहले चख लें। इससे बासी और ताजी का पता चला जाएगा। अगर मिठाई थोड़ी कड़ी और सूखी है तो पुरानी हो सकती है।

– अगर केसर वाली मिठाई खरीद रहे हैं तो उसे पानी में डालकर चेक कर लें। अगर रंग निकल रहा है तो समझ लें कि इसमें केसर नहीं, कलर मिलाया है। अगर रंग नहीं निकल रहा तो यह असली केसर है।

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